प्रदेश सरकार ने 50 या इससे कम छात्र संख्या वाले कॉलेजों को बंद करने की योजना तैयार कर ली है। शिक्षा विभाग से ऐसे कॉलेजों का ब्यौरा मांगा गया है, जहां छात्रों की संख्या न्यूनतम स्तर पर है। इन कॉलेजों को मर्ज कर छात्रों को पास के बेहतर इनरोलमेंट वाले कॉलेजों में शिफ्ट किया जाएगा। इसके साथ ही, शिक्षकों का भी युक्तिकरण किया जाएगा।

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शहरों और मुख्यालयों के कॉलेजों में छात्र संख्या अधिक है, जबकि दूर-दराज के कॉलेजों में यह संख्या काफी कम पाई गई है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने इन कॉलेजों को मर्ज करने का फैसला किया है। प्रस्ताव तैयार कर इसे जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

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इसके अलावा, मिडल स्कूलों में भी सरकार ने बदलाव की योजना बनाई है। 10 या उससे कम छात्रों वाले 300 से अधिक स्कूलों का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इन स्कूलों के शिक्षकों को उन स्कूलों में भेजा जाएगा, जहां शिक्षकों की कमी है।

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि सरकार की इस योजना का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना और संसाधनों का बेहतर उपयोग करना है। इंटरनल रैंकिंग और असैसमेंट की प्रक्रिया को भी दोबारा जांचने के निर्देश दिए गए हैं।

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फरवरी के पहले सप्ताह में स्कूलों की छुट्टियों का नया शेड्यूल जारी होने की संभावना है। स्टेक होल्डर्स की बैठक के बाद इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।

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