तरुण गुप्ता , रामशहर : जयनगर में श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन महामंडलेश्वर स्वामी हरि चेतनानंद जी हरिद्वार ने कहा सत्संग धारा में रहने की आदत बनाओ कल्याण होगा . जगत में कोई ऐसी जगह नहीं है जहाँ परमात्मा का निवास न हो ज्ञानी का मन हमेशा अलेप रहता है ज्ञानी के घर में भी आनंद है और मन में भी आनंद हैं भक्तों के जीवन में जहाँ भी देखो वहाँ रस भरा है और माया उस पर हावी होती है जो माया पति का चिंतन छोड़ देते हैं.
परीक्षित को जब रिषी ने श्राप दिया परीक्षित गंगातट पर आकर संतों से पूछते हैं जिसकी मृत्यु निकट हो उसको क्या करना चाहिए जीव मात्र का कल्याण हो उसका उपाय बताए शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित जिसकी मृत्यु निकट हो उसको भगवान का भजन करना चाहिए जीव मात्र का कल्याण भगवान की शरणागति में है आज भारद्वाज परिवार के द्वारा श्रीमद् भागवत की आरती उतारी गई कृष्ण भक्तों ने लंगर का प्रसाद ग्रहण किया प्रतिदिन 1 बजे से 5 तक चलेगी