नशामुक्त भारत अभियान-2 के तहत ज़िला स्तरीय समिति की प्रथम बैठक आज यहां अतिरिक्त उपायुक्त सोलन अजय यादव की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में नशामुक्त भारत अभियान-2 के तहत वर्ष 2023-24 के लिए कार्य योजना तैयार करने के संबंध में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
अजय यादव ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि नशामुक्त अभियान में विभिन्न विभागों, स्वयंसेवी संस्थाओं और आमजन का समन्वय आवश्यक है। नशाखोरी की समस्या से आज विभिन्न स्तरों पर युवाओं सहित उनके परिवारों और समाज को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नशामुक्त समाज के लिए जहां युवाओं को जागरूक किया जाना आवश्यक है वहीं विद्यालय, महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय स्तर पर अध्यापकों और युवाओं के अभिभावकों का समन्वय भी आवश्यक है।
अतिरिक्त उपायुक्त ने निर्देश दिए कि इस समिति में अन्य महत्वपूर्ण विभागों को भी शामिल किया जाए ताकि अभियान को और तीव्रता के साथ ज़मीनी स्तर पर कार्यान्वित किया जा सके। उन्होंने कहा कि ज़िला में सभी विभाग मनाये जाने वाले विशेष दिवसों और कार्यक्रमों में नशा निवारण अभियान को सम्मिलित करें।
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वर्तमान में विभिन्न माध्यमों से नशा पीड़ित व्यक्ति तक पहुंचकर उसकी सहायता की जा सकती है। हिमाचल पुलिस की ड्रग फ्री एप के माध्यम से भी नशे से ग्रस्त व्यक्ति तक पहुंचकर उसका उचित उपचार सुनिश्चित बनाकर पीड़ित को समाज की मुख्यधारा में पुनः शामिल किया जा सकता है।
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य युवाओं व लोगो में नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाली शारीरिक समस्याओं, समाज में इस कारण फैलने वाली कुरीतियों व इस कारण होने वाली असामायिक मौतों के बारे में जागरूकता लाना है।यह समिति ज़िला नशामुक्त अभियान के कार्यान्वयन को सफल बनाएगी। समिति ज़िला के विभिन्न विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में छात्रों, अध्यापकों और अभिभावकों के लिए नशा निवारण के संबंध में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगी।
उन्होंने कहा कि नशे के कारकों और नशा निवारण के विषय में जागरूकता उत्पन्न करने और विचार-विमर्श के लिए महाविद्यलाय स्तर पर छात्र क्लब स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि समिति नशा पीड़ितों की पहचान कर उन्हें परामर्श एवं उपचार के लिए नशामुक्ति केन्द्र एवं अस्पतालों तक पहंुचाएगी।
समिति यह सुनिश्चित बनाएगी कि नियमानुसार किसी भी शिक्षण संस्थान के 100 मीटर के दायरे में सिग्रेट इत्यादि की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध की अनुपालना हो। उन्होंने कहा कि समिति ज़िला में नशीले पदार्थों की उपलब्धतता और बिक्री की जानकारी प्राप्त कर संबंधित विभाग द्वारा इस दिशा में की गई कार्रवाई की समीक्षा करेगी। समिति ऐसे संस्थानों और अस्पतालों का दौरा करेगा जहां नशामुक्ति सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि समिति ज़िला एवं उपमण्डल स्तर पर नशामुक्ति के संबंध में सेवाएं प्रदान करने वालों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित करेगी। समिति नशामुक्ति अभियान में सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने की दिशा में कार्य करेगी और यह सुनिश्चित बनाएगी कि इस पुनीत कार्य में आमजन की सहभागिता बढ़े। समिति ज़िला स्तरीय अभियान में सोशल मीडिया के समुचित उपयोग की नीति तैयार करेगी।
समिति, अभियान के संबंध में राज्य स्तरीय अभियान समिति तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय को फीडबैक भी प्रदान करेगी।समिति ऐसे स्वंयसेवियों की पहचान करेगी जो समुदाय में नशाखोरी एवं नशा निवारण के विषय में जागरूकता उत्पन्न कर सकें। ऐसे स्वंयसेवियों को प्रशिक्षण प्रदान कर पहचान पत्र अथवा बैज दिया जाएगा। स्वंयसेवियों को मंत्रालय द्वारा ऑनलाइन प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
ज़िला स्तरीय नशामुक्त भारत आभियान-2 के सदस्य सचिव एवं ज़िला कल्याण अधिकारी सोलन गिरधारी लाल शर्मा ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।बैठक में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी एवं ज़िला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सचिव आकांक्षा डोगरा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन डाॅ. राजन उप्पल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बद्दी रमेश शर्मा, उपनिदेशक उच्च शिक्षा जगदीश चन्द्र नेगी, ज़िला पंचायत अधिकारी जोगिन्द्र प्रकाश राणा, उप पुलिस अधीक्षक सोलन अनिल धौल्टा, डाईट के प्रधानाचार्य डाॅ. शिव कुमार शर्मा, सीडीपीओ सोलन कविता गौतम, स्वंय सेवी संस्था सारथी के सुभाष चन्द्र सकलानी, गुजंन के संदीप, हेल्पऐज इंडिया के मनोज राज वर्मा, विभिन्न संस्थाओं के अन्य प्रतिनिधि तथा विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।