जिला सिरमौर के राजगढ़ क्षेत्र के प्रसिद्ध लोक गायक डॉ. कृष्णलाल सहगल को लोकसंगीत में योगदान के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने बुधवार को दिल्ली में सम्मानित किया. उन्हें इस पुरस्कार में मेडल के अतिरिक्त एक लाख रुपये की नकद राशि भी प्रदान की गई.
डॉ. कृष्ण लाल सहगल का सम्पूर्ण जीवन हिमाचली लोक संगीत को समर्पित रहा है उन्होंने लोक गीतों में पारंपरिक वाद्य यंत्रों का ही प्रयोग सदैव किया है और उनकी मधुर आवाज में गजब कशिश है .अभी तक उन्होंने सौ से अधिक पहाड़ी गीतों की रचना करके और संगीत देकर दर्जनों आडियो वीडियो बनाये हैं और आकाशवाणी व दूरदर्शन से गा चुके हैं।
उन्होंने अपने गीतों की एक पुस्तक ‘गीत मेरी माटी रे’ भी प्रकाशित की है इसमें स्वरलिपि सहित गीत लिखे गए हैं और संगीत सीखने वालों के लिए यह पहली नोटेशन सहित पुस्तक बहुत उपयोगी साबित हो रही है . डॉ. कृष्णलाल सहगल को अनेक संगीत सेवी संस्थाओं ने जिला व राज्य स्तरीय सम्मानों से भी सम्मानित किया है। हिमालय साहित्य संस्कृति एवं पर्यावरण मंच शिमला द्वारा उन्हें हिमाचली लोक संगीत के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए ‘आजीवन उपलब्धि सम्मान’ दिया .
डॉ. कृष्ण लाल सहगल गायन में पीएचडी है और उन्होंने प्राचीन कला केन्द्र चंडीगढ़ से गायन व वादन में संगीत विशारद और इलाहाबाद से गायन में संगीत प्रवीण की उपाधियां हासिल की हैं। वह आकाशवाणी शिमला और दूरदर्शन के उच्च श्रेणी कलाकारों में शामिल हैं और वर्ष 2008 में हिमाचल कॉलेज कॉडर से एसोसिएट प्रोफेसर (गायन) पद से सेवानिवृत हुए हैं।