प्रदेश में स्कूलों और डिग्री कालेजों में रोड सेफ्टी क्लब के तहत कौन-कौन सी एक्टिविटी करवाई गई है इसकी जानकारी शिक्षा विभाग को 15 मार्च तक देनी होगी जिसके लिए सभी शिक्षण संस्थानों को यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट देना होगा .रोड सेफ्टी क्लब के लिए हर स्कूल को शिक्षा विभाग की ओर से 15 हजार, जबकि कालेजों को 30 हजार दिया गया है ऐसे में कहाँ कहाँ और कितनी राशि खर्च हुई है इसकी पूरी जानकारी मांगी गई है. उच्च शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत शर्मा की ओर से यह निर्देश जारी किए गए हैं.
शिक्षा विभाग की ओर से दी गयी उपरोक्त राशि का उपयोग निबंध लेखन, पोस्टर बनाने, पेंटिंग, स्लोगन जैसी विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन करके सडक़ सुरक्षा और यातायात संकेतों के बारे में विद्यार्थियों में जागरूकता पैदा करने के लिए किया जाना था.इसके अलावा कालेजों और स्कूलों में विद्याॢथयों और कर्मचारियों के साथ बातचीत और पैनल चर्चा करने, भाषण प्रतियोगिता प्रश्नोत्तरी और विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाना था.विभाग ने सभी कालेजों के प्रधानाचार्य को भी भेजने के निर्देश जारी किए हैं।
स्कूल बस, टैंपो ट्रैवलर, वैन सहित अन्य वाहनों में ओवर लोडिंग सहित अन्य नियमों का पालन हुआ है या नहीं, इस पर शिक्षा विभाग भी नजर रखेगा इस संबंध में निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से उपनिदेशक को पत्र लिखा गया है जिसमें स्कूल बसों की प्रॉपर चैकिंग करने की बात कही है बसों में सीसीटीवी कैमरा व जीपीएस लगाना भी अनिवार्य किया है. शिक्षण संस्थानों से मिली पूरी जानकारी विभाग द्वारा परिवहन विभाग को भी भेजी जाएगी.