Kashmir में सुरक्षाबलों के लिए चुनौती बने ‘हाइब्रिड आतंकवादी’
कश्मीर में सुरक्षाबल आतंकवाद के मोर्चे पर ‘हाइब्रिड’ आतंकवादियों की मौजूदगी एक नयी चुनौती का
सामना कर रहे हैं जिन्हें चरमपंथी के तौर पर चिह्नित नहीं किया है लेकिन ये इतने कट्टर हैं कि किसी भी
आतंकवादी घटना को अंजाम देने के बाद अपनी सामान्य दिनचर्या में लौट जाते हैं.
अधिकारियों ने बताया कि गत कुछ हफ्तों में श्रीनगर शहर सहित घाटी में ‘आसान लक्ष्यों’ पर हमले बढ़े हैं
और अधिकतर घटनाओं को पिस्तौल से लैस युवाओं ने अंजाम दिया है जिनके नाम सुरक्षाबलों द्वारा
तैयार आतंकवादियों की सूची में शामिल नहीं थे.
इस नयी परिपाटी ने सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई परेशानी खड़ी कर दी है क्योंकि इन ‘हाइब्रिड’ आतंकवादी
या ‘पार्ट टाइम’ आतंकवादियों पर नजर रखना मुश्किल होता है और ये सुरक्षा बलों के लिए चुनौती पैदा
करते हैं.
सुरक्षा प्रतिष्ठानों के अधिकारियों के अनुसार ‘हाइब्रिड’ आतंकवादी पड़ोस में रहने वाला कोई लड़का
होता है जिसे उसके आका कट्टर बनाकर आतंकवाद की घटना के लिए तैयार रखते हैं. उन्होंने बताया,
‘‘वह दिए गए काम को पूरा करता है और आका के अगले आदेश का इंतजार करता है. इस बीच वह
अपनी सामान्य जिंदगी में लौट जाता है.
पुलिस ने पिछले साल सिंतबर के पहले हफ्ते में श्रीनगर को ‘आतंकवाद मुक्त’ घोषित किया था.
हालांकि, उसके बाद नागरिकों, पुलिस कर्मियों और अधिकारियों को निशाना बनाकर हमले किए गए
और माना जाता है कि यह ‘हाइब्रिड’ आतंकवादियों का काम है.
कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने कहा कि शहर में कुछ स्लीपर सेल, हाइब्रिड
आतंकवादी मौजूद हैं लेकिन जोर देकर कहा कि पुलिस जल्द इस मॉड्यूल को निष्क्रिय कर देगी.
उन्होंने कहा,‘‘हम जल्द ही श्रीनगर में सक्रिय मॉड्यूल को निष्क्रिय कर देंगे.लेकिन पार्ट टाइम या
हाइब्रिड आतंकवादियों पर नजर रखना मुश्किल हैं क्योंकि वे घटना को अंजाम देने के बाद रोजमर्रा की
जिंदगी में लौट जाते हैं लेकिन हम पूरी नजर रखे हुए हैं और जल्द ही उनका पता लगा लिया जाएगा.’’