प्रदेश हाईकोर्ट ने समय रहते राजमार्गों सहित जंगलों, नदियों और नालों का उचित रखरखाव न करने पर चेतावनी देते हुए NHAI को जमकर फटकार लगाई है । मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने कहा कि यह जानकर दुख होता है कि 12.06.2024 को हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश के बावजूद ब्यास नदी के तल के बीच से बड़ी चट्टानों और पत्थरों को अभी तक नहीं हटाया गया है। इन पत्थरों से पानी के टकराने से बहाव नदी तट तक आ जाता है और सड़कों को नुक्सान पहुंचता है। 

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कोर्ट ने मामले से जुड़ी स्टेटस रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद कहा कि उन्हें एनएचएआई का नदी की स्थिति की स्टडी करने के बाद यह कहना कतई स्वीकार्य नहीं है कि इस मानसून सीजन के दौरान नदी से बड़े पत्थरों और चट्टानों को नहीं हटाया जा सकता है। क्योंकि एनएचएआई के पास जून का पूरा महीना था, जब मानसून ने हिमाचल प्रदेश राज्य को नहीं छुआ था और एनएचएआई द्वारा उक्त अवधि में कुछ किया जा सकता था। एनएचएआई ने इस दौरान कुछ भी नहीं किया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि एनएचएआई की इस निष्क्रियता के कारण कोई अप्रिय घटना होती है तो एनएचएआई के अधिकारियों के खिलाफ उचित निर्देश जारी किया जाएगा | इस मामले पर अगली सुनवाई 1 अगस्त को निर्धारित की गयी है | 

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