Google ने deepfake यानी AI जेनरेटेड वीडियो और फोटो के खिलाफ सख्त एक्शन लेने का फैसला किया है .कंपनी ने अपने सर्च इंजन में डीपफेक कॉन्टेंड पर लगाम लगाने के लिए नया रैंकिंग सिस्टम तैयार किया है .यह स्ट्रेटेजी इंटरनेट पर मौजूद एआई से तैयार किए गए फर्जी वीडियो या फोटो की रैंकिंग को कम कर देगी, जिसकी वजह से गूगल सर्च रिजल्ट में इस तरह के फर्जी कॉन्टेंट या डीपफेक लोगों को नहीं दिखेंगे .
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टेक कंपनी ने दावा किया है कि कंपनी ने डीपफेक या AI जेनरेटेड कॉन्टेंट को हटाने की प्रक्रिया को भी आसान बना दिया है, जिसकी वजह से इस तरह के फर्जी वीडियो और फोटो इंटरनेट पर ऊपर नहीं दिखेंगे .कंपनी ने अपने ब्लॉग पोस्ट में गूगल सर्च में किए जाने वाले इस नए बदलाव की घोषणा की है .गूगल ने अपने ब्लॉग बताया कि यह नया बदलाव इंटरनेट पर मौजूद डीपफेक या एआई द्वारा जेनरेट कॉन्टेंट को फिल्टर करने का काम करेगा .
कॉन्टेंट हटाने की पॉलिसी में भी बदलाव :
टेक कंपनी ने अपने ब्लॉग में बताया कि कई सालों से लोग हमारी पॉलिसी के तहत सर्च से बिना सहमति के फर्जी अश्लील तस्वीरों को हटाने का अनुरोध कर रहे हैं. अब हमने इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सिस्टम विकसित किए हैं, जिससे लोगों को इस मुद्दे को बड़े पैमाने पर संबोधित करने में मदद मिलेगी.
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जब कोई व्यक्ति सर्च से अपने बारे में स्पष्ट गैर-सहमति वाली नकली सामग्री को हटाने का सफलतापूर्वक अनुरोध करता है, तो Google के सिस्टम उनके बारे में एक जैसे सर्च पर सभी स्पष्ट परिणामों को फिल्टर करने का भी टारगेट रखेंगे. इसके अलावा, जब कोई व्यक्ति हमारी पॉलिसी के तहत सर्च से किसी इमेज को सफलतापूर्वक हटाता है, तो हमारा सिस्टम उस इमेज के किसी भी डुप्लिकेट को स्कैन करेंगा और हटा देगा.
गूगल सर्च की रैंकिंग सिस्टम में किए जाने वाले इस बदलाव का फायदा आम यूजर्स को होगा इन दिनों AI द्वारा जेनरेट किए गए कई फर्जी फोटो और वीडियो इंटरनेट पर प्रसारित किए जाते हैं. गूगल सर्च में रैकिंग कम होने की वजह से इस तरह के कॉन्टेंट का प्रचार-प्रसार काफी हद तक कम हो जाएगा .