प्रदेश सरकार ने साधन संपन्न लोगों से ग्रामीण क्षेत्रों में मुफ्त  पानी की सुविधा को समाप्त कर दिया है। यानी अब नेता, अधिकारी, सरकारी कर्मचारी और आयकर देने वाले किसी भी व्यक्ति को मुफ्त पानी उपलब्ध नहीं होगा सिर्फ उन्हीं लोगों को यह सुविधा मिलेगी, जिनकी वार्षिक आय 50 हजार से कम हो। साथ ही एकल नारी और दिव्यांगों को भी इसमें रियायत मिलती रहेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल बैठक में यह निर्णय लिया गया।

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सरकार के इस निर्णय से जल शक्ति विभाग को बिजली बिल पर पड़ने वाले करीब 800 करोड़ रुपए के भार व अन्य मुरम्मत कार्य के लिए धनराशि उपलब्ध हो सकेगी। पानी की दरों को शीघ्र तय किया जाएगा, जिसमें 100 रुपए प्रति माह व पानी के खर्च के अनुसार बिल आएगा, जिसके लिए सलैब तय किए जाएंगे। इसके लिए आने वाले समय में पानी के मीटर भी लगाए जाएंगे। सरकार का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्र में सड़क किनारे होटल, रेस्तरां व ढाबों का कारोबार करने वाले साधन संपन्न लोगों को इस तरह की रियायत देना सही नहीं है।

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