हिमाचल प्रदेश में पहली बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है जहां सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन 1 तारीख को उनके खातों में नहीं पहुंच पाई है। इस मुद्दे को लेकर भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राजेश कश्यप ने कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला है। सोलन के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि यह घटना प्रदेश के इतिहास में पहली बार हुई है और इससे प्रदेश के लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारकों में असंतोष और निराशा फैल गई है।
राजेश कश्यप ने कहा, “कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने से पहले कर्मचारियों से कई वादे किए थे। लेकिन सत्ता में आने के बाद न केवल इन वादों को पूरा नहीं किया गया, बल्कि अब कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन को भी समय पर नहीं दिया जा रहा है। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है।”
उन्होंने आगे कहा कि सरकार इस देरी के पीछे का कोई स्पष्ट कारण नहीं दे पा रही है। यह स्थिति उन कर्मचारियों के लिए और भी कठिन हो जाती है जिन्हें महीने की शुरुआत में बच्चों की फीस, लोन की किस्तें और अन्य आवश्यक खर्चों को पूरा करना होता है।
कश्यप ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि वह इस मामले पर स्पष्टता प्रदान करें और जल्द से जल्द कर्मचारियों को बताएं कि उनकी सैलरी और पेंशन कब दी जाएगी। उन्होंने कहा, “सरकार की ओर से इस प्रकार की अनिश्चितता कर्मचारियों के मनोबल को गिरा रही है और यह राज्य के प्रशासनिक तंत्र के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय है।”
इस घटना से साफ होता है कि कांग्रेस सरकार कर्मचारियों की समस्याओं के प्रति उदासीन है और अपने वादों को पूरा करने में असफल रही है। राजेश कश्यप ने सरकार से तुरंत इस मुद्दे पर ध्यान देने की मांग की है ताकि प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को राहत मिल सके |