हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने पशुपालन विभाग के डायरेक्टर डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा को रिटायरमेंट के बाद छह महीने का सेवा विस्तार प्रदान किया है। डॉ. शर्मा 31 दिसंबर को रिटायर हुए थे, और चीफ सेक्रेटरी प्रबोध सक्सेना द्वारा आज ही इस फैसले के आदेश जारी किए गए।

हालांकि, इस निर्णय पर विवाद भी खड़ा हो गया है। पशु चिकित्सक अधिकारी संघ (Veterinary Medical Officers Association) ने सेवा विस्तार के खिलाफ विरोध दर्ज किया है। उनका कहना है कि वरिष्ठता के आधार पर किसी अन्य योग्य अधिकारी को यह पद मिलना चाहिए था। इसके साथ ही, संयुक्त निदेशक डॉ. विशाल शर्मा ने भी सरकार से वरिष्ठता के आधार पर डायरेक्टर पद पर पदोन्नति की मांग की थी।

डॉ. प्रदीप शर्मा के सेवा विस्तार का मामला हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग तक भी पहुंच चुका है। पशुपालन विभाग के सीनियर डॉक्टरों ने भी मुख्यमंत्री सुक्खू से मिलकर वरिष्ठ अधिकारियों को ही डायरेक्टर बनाने की मांग की थी।

यह फैसला विभाग में असंतोष का कारण बन सकता है, क्योंकि संघ पहले ही नाराजगी जता चुका है। सरकार के इस कदम से पशुपालन विभाग में आंतरिक खींचतान बढ़ने की संभावना है।

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