हिमाचल प्रदेश में नौतोड़ संशोधन प्रस्ताव पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और सुक्खू सरकार के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के बीच तनातनी बढ़ गई है। मंत्री नेगी ने राज्यपाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि नौतोड़ प्रस्ताव को मंजूरी न देना जनजातीय क्षेत्रों के लोगों के साथ अन्याय है। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर प्रस्ताव मंजूर नहीं हुआ, तो वे जनता के साथ सड़कों पर उतरेंगे।

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि राजभवन किसी के चुनावी वादे पूरे करने का स्थान नहीं है। उन्होंने साफ किया कि पात्र लाभार्थियों की सूची सरकार से मांगी गई थी, जो अब तक नहीं मिली। बिना स्पष्ट जानकारी के इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी जा सकती।

मंत्री जगत सिंह नेगी का दावा है कि उन्होंने राज्यपाल से 5 बार मुलाकात की है और प्रतिनिधिमंडलों ने भी अपनी बात रखी है। इसके बावजूद प्रस्ताव पर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया।

इस प्रस्ताव के तहत हिमाचल के जनजातीय क्षेत्रों में उन लोगों को जमीन दी जानी है, जिनके पास 20 बीघा से कम जमीन है। यह वन संरक्षण अधिनियम, 1980 में संशोधन से संभव है। इससे पहले तीन बार राज्यपालों ने ऐसी मंजूरी दी है।

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