हिमाचल प्रदेश सरकार ने घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए घोषणा की है कि अप्रैल 2025 तक बिजली दरों में कोई वृद्धि नहीं होगी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने क्लास वन और टू स्तर के अधिकारियों की बिजली सब्सिडी बंद करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही सरकार ने आम जनता से स्वेच्छा से बिजली सब्सिडी छोड़ने की अपील की है।

मुख्यमंत्री ने खुद पहल करते हुए अपने पांच बिजली मीटरों की सब्सिडी छोड़ दी है। उधर, बिजली बोर्ड जल्द ही राज्य विद्युत विनियामक आयोग में रिव्यू याचिका दायर करेगा, जिसमें दरें न बढ़ाने का आग्रह किया जाएगा।

बिजली बोर्ड ने पहले 300 करोड़ रुपये के घाटे का हवाला देते हुए 70 पैसे प्रति यूनिट तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि उपभोक्ताओं पर महंगी बिजली का बोझ नहीं डाला जाएगा।

सब्सिडी बंद होने के बाद क्लास वन और टू अधिकारियों को प्रति यूनिट एक से साढ़े तीन रुपये तक महंगी बिजली मिलेगी। फरवरी में इन उपभोक्ताओं को बिना सब्सिडी की दरों वाले बिल भेजे जाएंगे। जनवरी में खर्च हुई बिजली का बिल फरवरी में जारी होगा।

मुख्यमंत्री ने बिजली बोर्ड को आर्थिक मजबूती देने के लिए हाल ही में 100 करोड़ रुपये का कॉर्पस फंड भी दिया है। इसके चलते सरकार ने दरें स्थिर रखने का फैसला किया है।

इसके अलावा, कई उपभोक्ता स्वेच्छा से बिजली सब्सिडी छोड़ने के लिए बोर्ड के कार्यालयों से संपर्क कर रहे हैं। यह पहल राज्य के ऊर्जा क्षेत्र को स्थिरता देने में मददगार साबित होगी।

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