हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बागवानों की मदद और प्रदेश के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने छोटे सेब बागवानों की सहायता के लिए यूनिवर्सल कार्टन योजना लागू की है। इस योजना के तहत, अब अगले वर्ष से यूनिवर्सल कार्टन पर वजन भी लिखा जाएगा, जिससे बागवानों को उनकी उपज के मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि 250 करोड़ रुपये की लागत से छैला-ओच्छघाट-कुमारहट्टी सड़क को डबल लेन किया जाएगा। इस सड़क के लिए डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे यातायात की सुविधा बढ़ेगी और प्रदेश के बागवानों और व्यापारियों को फायदा होगा।
सुक्खू ने राज्य सरकार द्वारा मंडी मध्यस्थता योजना के तहत 163 करोड़ रुपये की देनदारियों को क्लियर करने की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार के लगातार प्रयासों से हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ रही है। इसके विपरीत, भाजपा द्वारा चुनावी लाभ के लिए कार्यकाल के आखिरी छह महीनों में बिना बजट के 900 संस्थान खोले गए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे भी 1000 संस्थान खोलने की अधिसूचना जारी कर सकते हैं, लेकिन यह प्रदेश के लोगों के साथ धोखा होगा यदि उन्हें गुणवत्ता वाली सेवाएँ न मिलें।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर यह भी बताया कि पिछले वर्ष आई आपदा के दौरान राज्य सरकार ने किसी भी बागवान के सेब या अन्य उत्पाद को सड़ने नहीं दिया और समय पर मंडी तक पहुँचाया। इसके अलावा, उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के आपदा प्रभावितों के लिए न तो कोई विशेष पैकेज दिया गया और न ही पीडीएनए के 9000 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की दिशा में भी कई कदम उठाने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में आधुनिक मशीनें लगाने के लिए 1500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा और आम जनता को बेहतर इलाज मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इन योजनाओं और घोषणाओं के जरिए राज्य के विकास और बागवानों के कल्याण के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता जताई है।