हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदेश की पंचायतों को हरित पंचायतों में बदलने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। योजना के तहत प्रत्येक पंचायत में 500 किलोवॉट क्षमता वाले सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। सरकार ने योजना के दूसरे चरण में 24 पंचायतों को शामिल करने की मंजूरी दे दी है। इन पंचायतों में चंबा, भटियात, सुजानपुर, बैजनाथ, ज्वालामुखी, जयसिंहपुर, पालमपुर, शाहपुर, इंदौरा, किन्नौर, शिमला ग्रामीण, ठियोग, रोहड़ू, नाहन, श्री रेणुकाजी, कसौली, दून, अर्की, चिंतपूर्णी और गगरेट की पंचायतें शामिल हैं।
परियोजना की मुख्य बातें:
- सोलर प्लांट: प्रत्येक पंचायत में 500 किलोवॉट क्षमता का प्लांट लगाया जाएगा।
- लक्ष्य: नवंबर 2025 तक सभी परियोजनाएं पूरी की जाएंगी।
- व्यय: प्रत्येक सौर परियोजना के लिए ₹2 करोड़ का प्रावधान।
- बिजली उत्पादन: प्रतिदिन 2250 यूनिट बिजली उत्पादन का अनुमान।
- राजस्व: प्रति परियोजना से सालाना ₹27 लाख की आय संभावित।
हिम ऊर्जा विभाग ने पंचायतों में जमीन चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। योजना के पहले चरण में 11 में से 7 पंचायतों में कार्य शुरू हो चुका है। इनमें हमीरपुर, ऊना, कांगड़ा, बिलासपुर, सिरमौर, ठियोग और लाहौल-स्पीति की पंचायतें शामिल हैं।
योजना के तहत बिजली उत्पादन से हुई आय का उपयोग पंचायतें विकास कार्यों में करेंगी। राज्य विद्युत बोर्ड इन परियोजनाओं से उत्पन्न बिजली की खरीद करेगा।हरित पंचायत योजना से हिमाचल प्रदेश को स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी। यह योजना न केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान देगी बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त करेगी।