हिमाचल प्रदेश में एचएमपीवी (ह्यूमन मोटान्यूमोवायरस) वायरस के तीन मामले सामने आने के बाद राज्य सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है। मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य सचिव और केंद्र सरकार के अधिकारियों के बीच बैठक के बाद यह फैसला लिया गया।
HMPV वायरस क्या है? एचएमपीवी वायरस पहली बार 2001 में नीदरलैंड के वैज्ञानिकों द्वारा पहचाना गया था। यह पैरामाइक्सोविरीडे परिवार का वायरस है, जो इंसानों की श्वसन प्रणाली पर असर डालता है।
लक्षण और खतरा:
सर्दी, खांसी, बुखार, कफ।
गले और श्वांस नली में रुकावट से सीटी जैसी खरखराहट।
गंभीर मामलों में ब्रोंकियोलाइटिस और निमोनिया।
मुख्यतः बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को अधिक प्रभावित करता है।
संक्रमण कैसे फैलता है? यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से फैलता है। कोरोना और फ्लू जैसे इसके लक्षणों के कारण अंतर बताना मुश्किल हो सकता है।
सरकार की तैयारी:
मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में मास्क, पीपीई किट, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और दवाओं का पर्याप्त स्टॉक।
बाहरी राज्यों से आने वालों पर नजर।
फील्ड स्टाफ और बीएमओ को सतर्क रहने के निर्देश।
बचाव के उपाय:
मास्क पहनें और श्वसन स्वच्छता बनाए रखें।
भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचें।
लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य संस्थानों को हर समय तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, वायरस मुख्यतः मौसमी संक्रमण के रूप में जाना जाता है, लेकिन सावधानी और सतर्कता बेहद जरूरी है।