हिमाचल प्रदेश में राजस्व विभाग की सेवाओं को डिजिटल और सुलभ बनाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स मॉडर्नाइजेशन (डीआईएलआरएम) प्रोग्राम के तहत राज्य के 2,576 पटवारखानों और 773 फील्ड कानूनगो कार्यालयों को वाईफाई और ब्रॉडबैंड कनेक्शन से जोड़ा जाएगा। इस पहल से जमीन संबंधी रिकॉर्ड्स, इंतकाल, तकसीम, और ई-डिस्ट्रिक्ट सेवाएं अब नजदीकी पटवारखानों में आसानी से मिल सकेंगी।
अब तक पटवारियों को मोबाइल डाटा से ऑनलाइन सेवाएं देने की सुविधा थी, लेकिन सिग्नल की समस्या और अधिक डाटा खपत के चलते सेवाएं बाधित हो रही थीं। इस समस्या के समाधान के लिए सभी पटवारखानों को वाईफाई-ब्रॉडबैंड सुविधा से लैस करने का फैसला लिया गया है।
प्रमुख बदलाव और लाभ
- स्कैनर और प्रिंटर की सुविधा: 773 कानूनगो कार्यालयों में स्कैनर और प्रिंटर लगाए जाएंगे।
- पटवारियों को नए लैपटॉप: पुराने खराब लैपटॉप्स को ठीक करवाने और नए पटवारियों को लैपटॉप उपलब्ध कराने के लिए बजट जारी।
- ई-केवाईसी होगी सरल: पीएम किसान योजना और अन्य सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों की ई-केवाईसी अब जल्दी और सटीक होगी।
- आपदा राहत और कृषि सेवाएं: आपदा राहत राशि आवंटन, मतदाता सूची तैयार करने और कृषि-बागवानी की अनुदान सेवाओं में तेजी आएगी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से राजस्व विभाग को पेपर मुक्त करने की प्रक्रिया तेज की जा रही है। डिजिटलीकरण से सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और कुशलता बढ़ेगी।
भूमि अभिलेख विभाग की निदेशक रितिका जिंदल ने बताया कि राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम को सभी पटवारखानों और कानूनगो कार्यालयों का विवरण भेज दिया गया है। जल्द ही कार्य शुरू होगा और जनता को इसका लाभ मिलने लगेगा।
इस पहल से हिमाचल की जनता को न केवल जमीन रिकॉर्ड्स की जानकारी आसानी से मिलेगी, बल्कि अन्य डिजिटल सेवाओं का भी लाभ नजदीकी पटवारखानों में मिलेगा। यह कदम राज्य में डिजिटल इंडिया मिशन को मजबूत करेगा और राजस्व विभाग की सेवाओं को अधिक कुशल और पारदर्शी बनाएगा।