हिमाचल प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय ने पहली बार कॉलेज स्तर पर शिक्षकों और प्रिंसिपलों को राज्य स्तरीय पुरस्कार देने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन पुरस्कारों का उद्देश्य शिक्षा में गुणवत्ता सुधार और प्रेरणा प्रदान करना है।

पुरस्कार के लिए पात्रता मानदंड:

  1. शिक्षक:
    • न्यूनतम पांच वर्षों का शिक्षण अनुभव।
    • पिछले तीन शैक्षणिक सत्रों की एसीआर (Annual Confidential Report) में “वेरी गुड” ग्रेड।
  2. प्रिंसिपल:
    • एक वर्ष का प्रिंसिपल अनुभव।
    • एसीआर में “वेरी गुड” ग्रेड।

आवेदन प्रक्रिया:

  • आवेदन ऑनलाइन माध्यम से आमंत्रित किए जाएंगे।
  • आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेज ईमेल द्वारा उच्च शिक्षा निदेशालय को भेजने होंगे।
  • शिक्षक और प्रिंसिपल स्वयं आवेदन कर सकते हैं।
  • विद्यार्थी, पीटीए और छात्र संघ भी शिक्षकों और प्रिंसिपलों के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • जिनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है, वे आवेदन के पात्र नहीं होंगे।

पुरस्कार वितरण:

  • कुल सात पुरस्कार दिए जाएंगे:
    • पाँच पुरस्कार शिक्षकों को।
    • दो पुरस्कार प्रिंसिपलों को।
  • शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी चयन प्रक्रिया को अंतिम रूप देगी।

चयन प्रक्रिया का विवरण:

  1. प्रारंभिक छंटनी में 25 शिक्षकों और 10 प्रिंसिपलों का चयन।
  2. इनकी दी गई जानकारी का सत्यापन करने के लिए विशेष टीम कॉलेजों का दौरा करेगी।
  3. विभिन्न मानकों पर खरे उतरने वाले प्रतिभागियों का चयन किया जाएगा।

    शिक्षा विभाग ने पहली बार 141 सरकारी डिग्री और संस्कृत कॉलेजों की रैंकिंग जारी की है। यह रैंकिंग कॉलेजों की उपलब्ध सुविधाओं, छात्र संख्या और अन्य मापदंडों के आधार पर की गई है।

    रैंकिंग वर्गीकरण:

    1. टीयर वन (जिला मुख्यालय कॉलेज):
      • हमीरपुर: पहला स्थान।
      • संजौली: दूसरा स्थान।
      • आरकेएमवी: तीसरा स्थान।
    2. टीयर टू (उपमंडल मुख्यालय कॉलेज):
      • भोरंज: पहला स्थान।
      • सरस्वती नगर: दूसरा स्थान।
      • सुन्नी: तीसरा स्थान।
    3. टीयर थ्री (अन्य कॉलेज):
      • कफोटा: पहला स्थान।
      • दाड़लाघाट: दूसरा स्थान।
      • चैलकोटी: तीसरा स्थान।

    27 जनवरी 2025 तक कॉलेज प्रिंसिपल अपनी आपत्तियां और सुझाव भेज सकते हैं। इसके बाद शिक्षा निदेशालय फाइनल रैंकिंग सूची जारी करेगा।शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने कहा कि रैंकिंग का मुख्य उद्देश्य शिक्षा में गुणवत्ता सुधार है। यूजीसी के 100 से अधिक मानकों के आधार पर कॉलेजों का मूल्यांकन किया गया है . 

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