हिमाचल प्रदेश के जिला उपभोक्ता आयोग ने नेस्ले इंडिया लिमिटेड को उपभोक्ता को 50,000 रुपये मुआवजा, 10,000 रुपये मुकदमेबाजी खर्च, और 50,000 रुपये उपभोक्ता कानूनी सहायता कोष में जमा करने का आदेश दिया है। यह फैसला पालमपुर के पीयूष अवस्थी की शिकायत पर सुनाया गया, जिन्होंने मैगी के पैकेट में जिंदा कीड़े मिलने की शिकायत दर्ज कराई थी।

पीयूष अवस्थी ने 9 जुलाई 2023 को पालमपुर के होल्टा स्थित सीएसडी कैंटीन से मैगी के छह पैकेट खरीदे थे। इन पैकेटों पर एक्सपायरी तिथि जनवरी 2024 अंकित थी। 25 अगस्त 2023 को जब उन्होंने मैगी का एक पैकेट खोला, तो उसमें जिंदा कीड़े पाए गए।

पीयूष ने ईमेल के माध्यम से नेस्ले इंडिया को शिकायत भेजी। कंपनी ने मामले की जांच का आश्वासन दिया और प्रतिनिधि भेजने का वादा किया। सद्भावना के तौर पर, उन्होंने एक गुडी बॉक्स भेजने का प्रस्ताव भी रखा। हालांकि, दो महीने बीत जाने के बाद भी कंपनी ने कोई कार्रवाई नहीं की।

नेस्ले की उदासीनता के कारण, पीयूष ने जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज करवाई। आयोग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए नेस्ले इंडिया लिमिटेड के खिलाफ सख्त कार्रवाई की।नेस्ले के वकील ने आरोपों को निराधार बताया, लेकिन आयोग ने उपलब्ध साक्ष्यों और शिकायतकर्ता की बातों को सही ठहराते हुए फैसला सुनाया।

ह मामला उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक मजबूत कदम है। उपभोक्ता आयोग ने न केवल नेस्ले इंडिया की लापरवाही को उजागर किया, बल्कि अन्य कंपनियों के लिए भी एक कड़ा संदेश दिया है

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