हिमाचल प्रदेश के समतल जिले ऊना में तेंदुओं की संख्या को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। ज़ूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (भारतीय प्राणी सर्वेक्षण संस्थान), कोलकाता द्वारा किए गए एक अध्ययन में पता चला है कि ऊना में तेंदुओं की अनुमानित संख्या 30 से अधिक है। इस रिपोर्ट ने वाइल्डलाइफ संरक्षण और तेंदुओं की बढ़ती गतिविधियों को लेकर नए प्रश्न खड़े किए हैं।

अध्ययन के मुताबिक, ऊना जिले का कुल क्षेत्रफल 1540 वर्ग किलोमीटर है, और औसतन प्रत्येक 2 वर्ग किलोमीटर में 2 तेंदुए मौजूद हैं। इस गणना में तेंदुओं के फुट प्रिंट, उनकी दिनचर्या और उनके रहने के स्थानों का बारीकी से अध्ययन किया गया। यह आंकड़ा प्रदेश में वाइल्डलाइफ की स्थिति पर गहन दृष्टि प्रदान करता है।

करीब एक दशक पहले ऊना में तेंदुओं की संख्या मैन्युअल गणना के आधार पर 16 बताई गई थी। लेकिन इस बार तकनीकी और वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग कर अध्ययन किया गया है। यह नई रिपोर्ट तेंदुओं की बढ़ती संख्या और उनके संरक्षण की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

ऊना में तेंदुओं की मौजूदगी पुरानी है, और स्थानीय लोग अक्सर इनसे आमना-सामना करते हैं। कई तेंदुओं को रेस्क्यू भी किया गया है। तेंदुओं की बढ़ती संख्या ने लोगों को सतर्क रहने के लिए प्रेरित किया है

हालांकि यह अध्ययन अभी प्रारंभिक है और अंतिम रिपोर्ट प्रकाशित होने में कुछ समय लगेगा। इसमें अन्य कारकों जैसे मौसम, तेंदुओं के शिकार की आदतें और उनके लिए अनुकूल वातावरण को भी शामिल किया जाएगा।

ऊना ही नहीं, बल्कि हिमाचल प्रदेश के अन्य जिलों में भी तेंदुए और काले भालुओं की संख्या को लेकर अध्ययन जारी है। वाइल्डलाइफ के लिए यह महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि मानव-वन्यजीव संघर्ष को भी कम करेगा।

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