महाकुंभ 2025 की भव्य शुरुआत हो चुकी है। पौष पूर्णिमा के सफल स्नान पर्व के बाद अब सभी की निगाहें मकर संक्रांति और बसंत पंचमी के शाही स्नान, जिसे इस बार “अमृत स्नान” नाम दिया गया है, पर टिकी हुई हैं। मेला प्रशासन ने सनातन धर्म के 13 अखाड़ों के पारंपरिक नियमों का पालन करते हुए अमृत स्नान के लिए तिथियों और समय का निर्धारण किया है।
मकर संक्रांति (14 जनवरी 2025) का अमृत स्नान क्रम:
श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा:
- शिविर से प्रस्थान: 5:15 बजे
- घाट पर आगमन: 6:15 बजे
- स्नान समय: 6:15-6:55 बजे
- शिविर वापसी: 7:55 बजे
श्री तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा और श्री पंचायती अखाड़ा आनंद:
- शिविर से प्रस्थान: 6:05 बजे
- घाट पर आगमन: 7:05 बजे
- स्नान समय: 7:05-7:45 बजे
- शिविर वापसी: 8:45 बजे
तीन संन्यासी अखाड़े (श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा, श्री पंचाग्नि अखाड़ा):
- शिविर से प्रस्थान: 7:00 बजे
- घाट पर आगमन: 8:00 बजे
- स्नान समय: 8:00-8:40 बजे
- शिविर वापसी: 9:40 बजे
तीन बैरागी अखाड़े (निर्मोही, दिगंबर, निर्वाणी):
- निर्मोही अखाड़ा: 9:40 बजे प्रस्थान, 10:40 बजे स्नान
- दिगंबर अखाड़ा: 10:20 बजे प्रस्थान, 11:20 बजे स्नान
- निर्वाणी अखाड़ा: 11:20 बजे प्रस्थान, 12:20 बजे स्नान
उदासीन अखाड़े:
- नया उदासीन अखाड़ा: 12:15 बजे प्रस्थान, 13:15 बजे स्नान
- नया उदासीन निर्वाण अखाड़ा: 13:20 बजे प्रस्थान, 14:20 बजे स्नान
- निर्मल अखाड़ा: 14:40 बजे प्रस्थान, 15:40 बजे स्नान
बसंत पंचमी (25 जनवरी 2025) का स्नान:
इसी क्रम और समय का पालन बसंत पंचमी के अमृत स्नान में भी किया जाएगा।
महाकुंभ 2025 का महत्व:
महाकुंभ का आयोजन हर 12 वर्षों में होता है, जो सनातन संस्कृति और धर्म का सबसे बड़ा पर्व है। इस बार “अमृत स्नान” के नाम से प्रसिद्ध शाही स्नान सनातन परंपराओं को जीवंत करता है।
विशेष दिशा-निर्देश:
मेला प्रशासन ने अखाड़ों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए समयबद्धता और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। सभी श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे मेला क्षेत्र में प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें।