प्रदेश में पारदर्शिता बढ़ाने और सस्ते राशन वितरण में सुधार लाने के उद्देश्य से सरकार ने राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य कर दी है। इसके चलते 45,000 से अधिक राशन कार्ड अस्थायी रूप से ब्लॉक कर दिए गए हैं, जिससे लगभग 5 लाख उपभोक्ता सस्ते राशन योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।

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ई-केवाईसी प्रक्रिया का उद्देश्य
ई-केवाईसी प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य राशन वितरण में हो रही अनियमितताओं को रोकना और सही लाभार्थियों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना है। प्रदेश में करीब 19.5 लाख राशन कार्ड धारक हैं, जिनमें 88% ने अपनी ई-केवाईसी पूरी कर ली है। हालांकि, 12% राशन कार्ड धारकों ने अभी तक ई-केवाईसी नहीं करवाई है।

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सरकार की चेतावनी और अवसर
सरकार ने लाभार्थियों को ई-केवाईसी पूरी करने के लिए कई अवसर प्रदान किए हैं। इसके बावजूद, कुछ उपभोक्ताओं ने अब तक अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं की है। विभाग ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि ई-केवाईसी न करवाने वालों के राशन कार्ड अस्थायी रूप से बंद कर दिए जाएंगे।

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किसे होगा लाभ और नुकसान?
यह कदम केवल उन लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए उठाया गया है, जो सस्ते राशन की वास्तविक आवश्यकता रखते हैं। ई-केवाईसी प्रक्रिया से नकली राशन कार्ड और गड़बड़ियों को रोका जा सकेगा।

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क्या करें राशन कार्ड धारक?
यदि आपने अभी तक ई-केवाईसी नहीं करवाई है, तो नजदीकी राशन डिपो या अधिकृत केंद्र पर जाकर इसे जल्द से जल्द पूरा करें। ई-केवाईसी के बिना राशन कार्ड निष्क्रिय हो सकता है और आपको सस्ते राशन का लाभ नहीं मिलेगा।

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