हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित कोटखाई गुड़िया दुष्कर्म व हत्याकांड में चंडीगढ़ की सीबीआई अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने आईजी जहूर हैदर जैदी समेत 8 पुलिस कर्मियों को दोषी करार दिया है। हालांकि, पूर्व एसपी नेगी और एक अन्य अधिकारी को बरी कर दिया गया।

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4 जुलाई 2017 को कोटखाई की 16 वर्षीय नाबालिग लड़की लापता हुई थी। दो दिन बाद उसका शव तांदी के जंगल में निर्वस्त्र अवस्था में मिला। इस जघन्य अपराध ने हिमाचल ही नहीं, पूरे देश को झकझोर दिया। जनता के आक्रोश के बाद तत्कालीन आईजी जैदी की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया गया।

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एसआईटी ने जांच के दौरान 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें नेपाली युवक सूरज भी शामिल था। 18 जुलाई 2017 को कोटखाई थाने में सूरज की मौत हो गई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह मामला सीबीआई को सौंपा गया। जांच में खुलासा हुआ कि सूरज की मौत पुलिस प्रताड़ना के कारण हुई।

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सीबीआई ने जैदी समेत 9 पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या और सबूत नष्ट करने का मामला दर्ज किया। वर्ष 2017 में यह केस शिमला से चंडीगढ़ सीबीआई अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया।

हालांकि, 2023 में जैदी की सेवाएं बहाल कर दी गई थीं, लेकिन अब दोषी ठहराए जाने के बाद उनका भविष्य अधर में है। यह मामला न्याय और पुलिस व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता पर एक बार फिर सवाल खड़े करता है।

जनता को न्याय का इंतजार है, जबकि दोषियों पर सजा का फैसला 27 जनवरी को आएगा।

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