हिमाचल प्रदेश के उचित मूल्य की दुकानों में फरवरी महीने से उपभोक्ताओं को 4 महीने का सरसों के तेल का कोटा मिलने की संभावना है। अक्टूबर के बाद से डिपुओं में तेल की आपूर्ति ठप है। अब सरकार फरवरी में यह कमी पूरी करेगी।

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सरसों तेल की आपूर्ति में देरी का मुख्य कारण टेंडर प्रक्रिया और रेट अप्रूवल है। 4 जनवरी को टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद अभी तक सरकार ने तेल के रेट को मंजूरी नहीं दी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कांगड़ा दौरे के चलते यह मामला अटका हुआ है। 26 जनवरी के बाद मुख्यमंत्री शिमला लौटेंगे, तब इस पर फैसला संभव है।

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राज्य नागरिक आपूर्ति निगम को 4 महीने के कोटे के लिए करीब 1.20 करोड़ लीटर सरसों तेल की जरूरत होगी। तेल की सप्लाई को निगम के गोदामों तक पहुंचने में 8-10 दिन का समय लग सकता है। ऐसे में उपभोक्ताओं को फरवरी में ही तेल का कोटा मिलेगा।

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प्रदेश में कुल 19.65 लाख राशन कार्ड धारकों में से 2.65 लाख कार्ड ईकेवाईसी न कराने के कारण अस्थायी रूप से ब्लॉक किए गए हैं। हालांकि, सरकार की सख्ती के बाद ईकेवाईसी प्रक्रिया में तेजी आई है।

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फरवरी में सरकार 4 महीने का सरसों का तेल कोटा एक साथ उपलब्ध करवाएगी। इससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, जो पिछले तीन महीनों से तेल के लिए परेशान हैं।

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