हिमाचल प्रदेश में छात्रवृत्ति घोटाले ने एक बार फिर राज्य और देश को हिलाकर रख दिया है। इस घोटाले में ताजा मोड़ तब आया जब केंद्रीय जांच एजेंसियों, सीबीआई और ईडी के अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया। इन अधिकारियों पर घोटाले में शामिल शिक्षण संस्थानों से रिश्वत लेने का आरोप है।
सीबीआई की शिमला शाखा के पूर्व डीएसपी को चंडीगढ़ सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। उन पर घोटाले में नामजद शिक्षण संस्थानों के संचालकों से अढ़ाई करोड़ रुपए की रिश्वत में से 10 प्रतिशत हिस्सेदारी मांगने का आरोप है। वहीं, ईडी शिमला के पूर्व सहायक निदेशक को भी पहले ही सीबीआई गिरफ्तार कर चुकी है।
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इन गिरफ्तारियों के बाद छात्रवृत्ति घोटाले की जांच पर कई सवाल उठ रहे हैं। रिश्वतखोरी का मामला सामने आने के बाद ईडी ने नए सिरे से मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से मामले की जांच शुरू कर दी है। दिल्ली मुख्यालय ने इस जांच का जिम्मा शिमला सब जोनल उपनिदेशक और मुख्यालय के संयुक्त निदेशक को सौंपा है।
सीबीआई चंडीगढ़ ने भी मामले की जांच तेज कर दी है। टीम ने शिमला कार्यालय से छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़ा रिकार्ड कब्जे में ले लिया है और सीबीआई कार्यालय शिमला में नए डीएसपी की तैनाती की गई है। सीबीआई चंडीगढ़ दोनों गिरफ्तार अधिकारियों से पूछताछ कर मामले की तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
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यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि शिक्षा के क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार कितना गहरा है। छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर कुछ लोग अपनी जेबें भर रहे हैं। इस मामले में दोषी लोगों को सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे घोटाले न हो सकें।