हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक (IG) जहूर हैदर जैदी और उनके साथ 7 अन्य पुलिसकर्मियों को 2017 में कोटखाई में हिरासत में मौत के मामले में दोषी ठहराते हुए कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। जज अलका मलिक की कोर्ट ने 18 जनवरी को इस मामले में फैसला सुनाया। दोषियों पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।

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क्या है पूरा मामला?

2017 में शिमला जिले के कोटखाई में एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप और हत्या का मामला सामने आया था। पुलिस ने इस केस में सूरज नामक युवक को गिरफ्तार किया, लेकिन हिरासत में उसकी मौत हो गई। बाद में खुलासा हुआ कि पुलिस ने सूरज पर अत्याचार कर उसकी हत्या की थी।

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CBI जांच में बड़ा खुलासा

मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे सीबीआई को सौंपा गया। जांच में पता चला कि पुलिस ने हिरासत में सूरज के साथ बर्बरता की थी। इस दौरान कई पुलिसकर्मियों की भूमिका उजागर हुई। CBI ने जहूर हैदर जैदी समेत 7 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया।

कोर्ट का फैसला

जांच और सुनवाई के बाद, कोर्ट ने सभी दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। CBI के लोक अभियोजक अमित जिंदल ने बताया कि दोषियों पर जुर्माना भी लगाया गया है।

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कौन हैं जहूर हैदर जैदी?

उत्तर प्रदेश के लखनऊ से ताल्लुक रखने वाले जैदी ने 1994 में हिमाचल प्रदेश कैडर में आईपीएस अधिकारी के तौर पर अपना करियर शुरू किया। उन्हें पुलिस पदक और कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करने का मौका मिला। हालांकि, इस घटना ने उनके करियर को विवादों में डाल दिया।

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