हिंदू धर्म में माघ महीने की अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष मौनी अमावस्या बुधवार, 29 जनवरी 2025 को है। इस दिन महाकुंभ में शाही स्नान का विशेष आयोजन होगा।

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मौनी अमावस्या का महत्व

इस दिन स्नान, दान, जप-तप, और मौन व्रत का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।

पितृ दोष और पेड़-पौधों की पूजा

मौनी अमावस्या पर कुछ पेड़ों की पूजा से पितृ दोष दूर होता है और भाग्य सुधरता है।

  1. पीपल वृक्ष की पूजा:

    • पीपल में त्रिदेव और पितरों का वास होता है।
    • सरसों तेल का दीप जलाकर सात बार परिक्रमा करें।
  2. तुलसी पूजा:

    • घी का दीप जलाकर सुख-समृद्धि की कामना करें।
  3. बेल वृक्ष की पूजा:

    • भगवान शिव पर बेलपत्र अर्पित करें।
  4. शमी वृक्ष का पूजन:

    • शनि और शिवजी का आशीर्वाद प्राप्त करें।

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महाकुंभ और शाही स्नान

मौनी अमावस्या पर शाही स्नान की परंपरा महाकुंभ में विशेष रूप से मनाई जाती है। इसे देखने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु प्रयागराज आते हैं।

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