हिमाचल प्रदेश के पालमपुर से 28 किलोमीटर दूर स्थित बाबा जलाधारी मंदिर चमत्कारी मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि द्वापर युग में पांडवों ने यहां तपस्या की थी और तभी से यह स्थान आस्था का केंद्र बना हुआ है।
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मंदिर से जुड़ी एक रहस्यमयी कथा प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि श्यामू नाम का युवक एक गुफा में शिकार के लिए गया था, लेकिन चार साल तक वापस नहीं लौटा। जब उसका श्राद्ध हो गया, तो उसकी अंधी मां ने बांसुरी की धुन सुनी, जो श्यामू की ही थी। लोगों ने पहाड़ी पर जाकर देखा तो वह वास्तव में जीवित था। लेकिन घर लौटने के बाद उसने प्राण त्याग दिए। इस घटना के बाद से यह गुफा पवित्र मानी जाती है।
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इस रहस्यमयी गुफा में शिवलिंग पर प्राकृतिक रूप से पानी टपकता रहता है। प्राचीन मान्यता है कि यहां पहले दूध निकलता था, लेकिन एक यात्री ने उस दूध से खीर बना ली, तब से वह पानी में बदल गया।श्रद्धालुओं का मानना है कि इस मंदिर में शाम को मांगी गई मन्नत सुबह पूरी हो जाती है। इसलिए हर साल हजारों भक्त यहां दर्शन करने आते हैं।