मौलिक अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों की अनुपालना भी आवश्यक-सुरेश भारद्वाज
शहरी विकास, नगर नियोजन, आवास, विधि, संसदीय कार्य एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि भारत के संविधान में प्रत्येक नागरिक के लिए मौलिक अधिकार एवं मौलिक कर्तव्य निर्धारित किए गए हैं और इनकी अनुपालना हम सभी का दायित्व है। सुरेश भारद्वाज आज शूलिनी विश्वविद्यालय सोलन द्वारा संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित प्रथम विधिक संगोष्ठी के विदाई सत्र को सम्बोधित कर रहे थे।
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि मौलिक अधिकार एवं मौलिक कर्तव्य सभी नागरिकों के लिए समान हैं। उन्होंने कहा कि हमें सदैव यह स्मरण रखना चाहिए कि अधिकार और कर्तव्य एक-दूसरे के पूरक हैं। इन दोनों के अनुपालना जहां भारत को एक उत्तरदायी राष्ट्र के रूप में स्थापित करती है वहीं नागरिकों को सही मार्ग का अनुसरण करना भी सिखाती है।
विधि मंत्री ने कहा कि भारत जैसे विशाल देश में संविधान और विधिक नियमों की जानकारी प्रत्येक नागरिक के लिए आवश्यक है। उन्होंने विधि के छात्रों का आह्वान किया कि वे अपने परिवेश में लोगों को संविधान और विधि की जानकारी अवश्य प्रदान करें ताकि कोई भी नागरिक न्याय से वंचित न रहे।
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि भारत का संविधान विश्व का श्रेष्ठतम संविधान है। हमारे संविधान निर्माताओं ने संविधान की रचना करते समय यह सुनिश्चित कर लिया था कि संविधान को समय के साथ कैसे परिवर्तनशील रखा जाए। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए संविधान संशोधन का प्रावधान किया गया। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुरूप राज्य का कार्यभार चलाने के लिए विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को विधि सम्मत अधिकार एवं कर्तव्य प्रदान किए गए।
शहरी विकास मंत्री ने कहा कि संविधान की समुचित जानकारी के लिए छात्रों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा प्रदान किया जाना आवश्यक है।उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश स्वतन्त्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। यह अवसर हमें स्वाधीनता संग्राम में अपने प्राणों की आहूति देने वाले प्रत्येक जन को नमन करने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर हमें यह भी निर्णय लेना होगा कि प्रत्येक नागरिक जहां अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनें वहीं मौलिक कर्तव्यों के पालन से भी पीछे न हटे। उन्होंने कहा कि अधिकारों का सम्मान होना चाहिए।
नगर नियोजन मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संविधान निर्माता भारत रत्न डाॅ. बी.आर. अम्बेदकर के 125वें जयन्ती वर्ष में संविधान दिवस मनाने का निर्णय लिया ताकि जन-जन संविधान के विषय में जागरूक बन सके।सुरेश भारद्वाज ने इस अवसर पर प्रोफेसर नन्दन शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक ‘फण्डामेन्टलस आॅफ मीडिया लाॅ’ का विमोचन भी किया। उन्होंने प्रतियोगिताओं के छात्रों को सम्मानित भी किया।
इससे पूर्व शूलिनी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डाॅ.) पी.के. खोसला तथा उप कुलपति प्रोफेसर अतुल खोसला ने भी विषय पर सारगर्भित जानकारी प्रदान की। विभिन्न विश्वविद्यालयों के विधि विभागों के प्राध्यापकों सहित शूलिनी विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी विषय पर प्रकाश डाला।प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी सदस्य डाॅ. राजेश कश्यप, भाजपा के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी, शूलिनी विश्वविद्यालय एवं अन्य विश्वविद्यालयों के प्राध्यापक, छात्र तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।