तरुण गुप्ता : नालागढ़ शिमला सड़क मार्ग पर रामशहर से करीब 7 किलोमीटर दूरी पर प्राचीन गुरुद्वारा गुरुकुंड (बाबा सुखदेव जी महाराज) के दरबार में दो दिवसीय बैसाखी मेले एवं भंडारे का आयोजन संपन्न हुआ इस मेले में पहाड़ी क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने सर्वप्रथम कुंड में डुबकी लगाने के उपरांत बाबा जी की गद्दी के पास नतमस्तक होने के पश्चात प्रसाद के रूप में लंगर ग्रहण किया .
गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष जोगेंद्र सिंह बेदी ने बताया की संगत के लिए भंडारे के पुख्ता इंतजाम किए गए थे करोना बंदिशों के चलते 2 वर्ष के पश्चात बैसाखी पर्व पर हर वर्ष मेला एवं भंडारा सजाया जाता है बैसाखी के पर्व पर मैदानी क्षेत्र के लोग 13 अप्रैल को अपनी दरबार में हाजिरी भरते एवं 14 अप्रैल को पहाड़ी क्षेत्र की संगत बाबा जी के चरणों में नतमस्तक होने के लिए एवं मन्नत देने के लिए पहुंचते हैं .
इस मेले के श्री गणेश से ग्रीष्मकालीन ऋतु के मेलो का भी आगाज शुरू हो जाता है गौर हो कि इस उपलक्ष्य पर गुरुद्वारा को बड़े ही सुंदर ढंग से सुसज्जित किया गया और गुरुद्वारा परिसर में प्रात से ही मीठी मीठी धुन में शब्द कीर्तन एवं गुरबाणी चल रही थी.
संगत में कर्म सिंह रामआसरा, रविंदर सिंह, राज, विकी, हेमंत, सुरेश ,रूपलाल ,सोमनाथ, पंकज कुमार, रविंद्र कुमार, वीरेंद्र कुमार, पोलू, रखाराम, आशीष, सुभाष, सोनू, विकी, जूली, रविंदर, जोगेंद्र, देशराज ,नवीन ,राजू ,रतनलाल ,काका ,विजय कुमार पवन कौशल, लालू, नीलम, निशा, कंचन, मनोरमा ,सरोज, डिंपल ,किरण ,कुंता, कमला एवं अन्य सैकड़ों संगत के लोगों ने बताया कि गुरुद्वारा कमेटी द्वारा भंडारे के बहुत ही पुख्ता इंतजाम किए गए थे भंडारे में मीठे चावल हलवा पूरी मंडे कड़ी दाल राजमाह एवं अन्य भिन्न भिन्न प्रकार के व्यंजन संगत को भंडारे में परोसे गए