प्रदेश सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं के लिए 15 फरवरी 2025 तक ई-केवाईसी अनिवार्य कर दी है। यदि उपभोक्ता इस तय तारीख तक ई-केवाईसी नहीं करवाते, तो उन्हें सरकार द्वारा मिलने वाली 125 यूनिट फ्री बिजली का लाभ नहीं मिलेगा। इसके साथ ही अब बिजली बोर्ड केवल एक ही मीटर पर फ्री बिजली की सुविधा देगा।
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इस प्रक्रिया को तेज़ी से पूरा करने के लिए प्रदेशभर में बिजली मीटरों की ई-केवाईसी का कार्य जोर-शोर से चल रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही में ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में 15 फरवरी तक ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं। जिन उपभोक्ताओं ने अभी तक ई-केवाईसी नहीं करवाई है, उनके घरों पर बिजली बोर्ड कर्मचारियों को दोबारा भेजा जाएगा।
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प्रदेश सरकार ने बिजली बोर्ड की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए अराजपत्रित अधिकारियों की बिजली सबसिडी पहले ही बंद कर दी है। फरवरी महीने से क्लास-वन और टू अधिकारियों को भी बिना सबसिडी के बिजली बिल जारी किए जाएंगे। मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों ने अपनी बिजली सबसिडी छोड़ दी है।
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मुख्यमंत्री ने आर्थिक रूप से सक्षम लोगों से भी सबसिडी छोड़ने की अपील की है। उनका कहना है कि बिजली की सबसिडी का हक केवल गरीबों को होना चाहिए।राज्य विद्युत परिषद लिमिटेड मिनिस्टीरियल सर्विसिज एसोसिएशन ने भी बिजली सबसिडी छोड़ने का निर्णय लिया है। संगठन ने अपने सभी सदस्यों और अन्य कर्मचारियों से भी इस दिशा में योगदान करने की अपील की है।