राजीव खामोश , कुठाड़ : राजकीय मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय चंडी का वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह बड़ी धूमधाम से आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती राधा कश्यप ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में ग्राम पंचायत चंडी के प्रधान बलवंत ठाकुर उपस्थित रहे। उपप्रधानाचार्य दर्शन कुमार शर्मा और विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष संजीव कुमार चंदेल ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलन और विद्यार्थियों द्वारा मां सरस्वती की वंदना से हुआ। प्रधानाचार्या राधा कश्यप ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए स्कूल की शैक्षिक और सह-शैक्षिक उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने पाठशाला प्रबंधन समिति के योगदान और विद्यार्थियों के प्रदर्शन की सराहना की।
मुख्य अतिथि बलवंत ठाकुर ने बच्चों और शिक्षकों के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं।
कार्यक्रम में बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, जिसमें हिमाचली नाटी मुख्य आकर्षण रही। दर्शकों ने इन प्रस्तुतियों का भरपूर आनंद लिया।
शैक्षणिक और सह-शैक्षिक गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को स्मृति चिह्न और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
- दसवीं कक्षा: कशिश, तमन्ना, और दीक्षांत ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय, और तृतीय स्थान हासिल किया।
- बारहवीं कक्षा:
- कला संकाय में काजल रानी, सुनिधि, और भावना को सम्मानित किया गया।
- विज्ञान संकाय में प्रीति और आयुष को प्रथम, अंशुल को द्वितीय, तथा महक वर्मा और नैना को तृतीय स्थान पर सम्मान मिला।
- खेल उपलब्धियां:
- अंडर-14 राज्य स्तरीय बास्केटबॉल में मानसी ने भाग लिया।
- अंडर-19 प्रतियोगिता में ट्विंकल को पुरस्कृत किया गया।
उपप्रधानाचार्य और राजनीतिक विज्ञान प्रवक्ता दर्शन कुमार शर्मा को पाठशाला प्रबंधन समिति द्वारा सर्वश्रेष्ठ अध्यापक का पुरस्कार प्रदान किया गया।
इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के अधिकारी, अभिभावक, शिक्षक, कर्मचारी, और बीएड कॉलेज चंडी की प्रशिक्षु अध्यापिकाएं मौजूद रहीं। मंच संचालन प्रवक्ता जीव विज्ञान नरेश कुमार ठाकुर ने किया।
इस अवसर पर श्रीमती बबीता, शोभा, सुरेंद्र, देवेंद्र, जय सिंह, कमलनयन, कल्पना, कृष्णा, संतोष, सावित्री, रश्मि, अनिल कुमार, दीपक आदि शिक्षकों की भूमिका सराहनीय रही।