वैशाख कृष्ण पक्ष त्रयोदशी 28 अप्रैल 2022 दिन गुरुवार को शनि देव अपनी पहली राशि मकर को छोड़ कर अपनी दूसरी राशि कुम्भ में प्रवेश कर गए हैं जो लगभग ढाई वर्षो तक मार्गी और वक्री गति से संचरण करते हुए चराचर जगत पर अपना प्रभाव स्थापित करेंगे.
शनिदेव अपनी स्वराशि कुंभ में रह कर कर्मफल प्रदायक के रूप में कार्य करेंगे यदि जन्म कुंडली में स्थिति ठीक नहीं है और वर्तमान कर्म भी खराब है तो शनि देव निश्चित तौर पर जीवन में सुधार के निमित्त अवरोध अथवा तनाव ज्यादा देंगे.
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शनि देव न्यायाधीश हैं इसलिए परिणाम भी आपके कर्म के आधार पर ही निर्धारित करेंगे। इस को ध्यान में रखते हुए ईमानदारी से खूब परिश्रम करें तो परिणाम अवश्य ही शुभ ही प्रदान करेंगे .
तुला लग्न अथवा राशि वालों के लिए शनि देव पंचम एवं सुख भाव के कारक होने के कारण राजयोग संप्रदाय के रूप में कार्य करते हैं। शनिदेव का परिवर्तन पंचम भाव अर्थात संतान के भाव पर हुआ है। शनि देव अपनी राशि में रहकर यहां शुभ फल ही प्रदान करने वाले हैं। संतान पक्ष से शुभ समाचार । संतान की प्रगति से मन प्रसन्न रहेगा। सुख के साधनों में वृद्धि की स्थिति बनेगी। घर निर्माण एवं वाहन से जुड़े कार्यों में इस अवधि में प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा
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वृश्चिक लग्न अथवा राशि वालों के लिए पराक्रम एवं सुख भाव के कारक होकर चतुर्थ भाव अर्थात सुख भाव में अपनी राशि के होकर गोचर करेंगे। पराक्रम एवं सुख कारक शनिदेव का स्वराशि में होना शुभ फल प्रदायक साबित होगा । घर से संबंधित पुराना तनाव समाप्त होगा । वाहन से जुड़ा कोई कार्य करना चाहते है तो शुभता में वृद्धि होगी । माता के स्वास्थ्य में तीव्रता के साथ सुधार होगा परंतु अचानक में शल्य चिकित्सा का भी संयोग बन सकता है। सीने की तकलीफ यदि पुराना है तो इस अवधि में सतर्क रहें थोड़ा सा तनाव या तकलीफ बढ़ सकता परंतु शीघ्रता के साथ ठीक भी हो जाएगा