हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विपक्ष द्वारा उठाए गए प्रश्नों के उत्तर में सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर एक महत्वपूर्ण वक्तव्य दिया। उन्होंने सदन को सूचित किया कि राज्य के कर्मचारियों का वेतन इस माह 5 सितंबर को और पेंशन 10 सितंबर को दी जाएगी। यह बदलाव राज्य सरकार के वित्तीय संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करने और अनावश्यक ब्याज भार से बचने के उद्देश्य से किया गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार को वेतन और पेंशन की अदायगी पहले दिन करनी होती थी, जबकि केंद्र से मुख्य वित्तीय सहायता 6 तारीख को प्राप्त होती है। इस अंतराल के कारण सरकार को बाजार से ऊंची दर पर अग्रिम ऋण लेना पड़ता था, जिससे राज्य पर अनावश्यक ब्याज का बोझ बढ़ रहा था। नई व्यवस्था से सरकार को हर माह लगभग तीन करोड़ रुपये की बचत होगी।

इस बदलाव का प्रभाव सरकार के बोर्डों और निगमों पर नहीं पड़ेगा, क्योंकि वे अपने वित्तीय संसाधनों का स्वतंत्र रूप से प्रबंधन कर सकते हैं। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र से बाजार से ऋण उठाने की अनुमति के तहत राज्य के पास 2317 करोड़ रुपये की बकाया राशि है, जिसका उपयोग आगामी चार महीनों में विवेकपूर्ण तरीके से किया जाएगा।

हालांकि, मुख्यमंत्री के वक्तव्य के बाद, विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर और अन्य सदस्यों ने सदन में विरोध किया और नारेबाजी करते हुए बाहर चले गए। इसके बाद विधानसभा की बैठक को भोजनावकाश के लिए स्थगित कर दिया गया।

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