हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस बार फाल्गुन माह का प्रदोष व्रत 25 फरवरी 2025, मंगलवार को होगा, जिसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाएगा। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं और मंगल दोष से मुक्ति मिलती है।
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फाल्गुन भौम प्रदोष व्रत 2025 शुभ मुहूर्त
- त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 25 फरवरी 2025, दोपहर 12:47 बजे
- त्रयोदशी तिथि समाप्त: 26 फरवरी 2025, सुबह 11:08 बजे
- प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त: 25 फरवरी, शाम 6:43 बजे से रात 9:10 बजे तक
भौम प्रदोष व्रत का महत्व
भौम प्रदोष व्रत को विशेष रूप से कर्ज से मुक्ति और जीवन में सफलता के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन मंगल ग्रह से संबंधित वस्तुओं जैसे गुड़, मसूर की दाल, लाल वस्त्र, तांबा आदि का दान करने से सौ गाय दान करने के बराबर फल प्राप्त होता है।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
- स्नान और संकल्प: प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- मंडप तैयार करें: पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध कर गाय के गोबर से लीपें और रंगोली बनाएं।
- भगवान शिव की स्थापना: शिव प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
- पूजा विधि:
- शिवजी को जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा और चंदन अर्पित करें।
- प्रत्येक सामग्री अर्पित करते समय “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
- हनुमान जी की भी पूजा करें।
- आरती और प्रसाद: अंत में शिव आरती करें और प्रसाद वितरण करें।
प्रदोष व्रत के लाभ
- भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
- कर्ज से मुक्ति मिलती है।
- पारिवारिक और आर्थिक संकट दूर होते हैं।
- मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव समाप्त होते हैं।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। आपका चैनल न्यूज़ इसकी सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।