साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल, शनिवार के दिन लगने जा रहा है . यह 30 अप्रैल की रात 12 बजकर 15 मिनट से सूर्य ग्रहण शुरू होगा और 1 मई सुबह 4 बजकर 7 मिनट पर इसका समापन होगा. ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण से पहले क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए. सूर्य ग्रहण के दौरान क्या नहीं करना चाहिए और सूर्य ग्रहण के बाद उसके नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए क्या करना जरूरी है इसके बारे जानना आवश्यक है .

सूर्य ग्रहण के बाद तुलसी के पौधे में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए. इससे तुलसी का पौधा शुद्ध होता है.

घर के मंदिर या पूजा घर में गंगाजल का छिड़काव करने से प्रवेश की नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है .

सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं अपना विशेष ध्यान रखें. ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव मां के साथ होने वाले बच्चे पर भी पड़ता है. इसलिए ग्रहण समाप्त होने के तुरंत बाद स्नान अवश्य करें. 

ग्रहण के बाद तिल, चने की दाल का दान अवश्य करें. ऐसा करने से जीवन की समस्याएं और संकटों से छुटकारा मिलता है.

ग्रहण के बाद वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा फैली होती है. इसलिए ग्रहण के बाद घर में झाड़ू और पोछा अवश्य लगाएं और पूरे घर में ही गंगाजल छिड़क दें.

शास्त्रों में लिखा है कि ग्रहण के बाद गंगास्नान अवश्य करें. लेकिन अगर आप गंगा स्नान के लिए नहीं जा सकते, जो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें.

सूर्य ग्रहण के बाद देवी-देवताओं के दर्शन को शुभ माना गया है इसलिए ग्रहण खत्म होने के बाद अपने आराध्य देव के दर्शन अवश्य करें. 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.

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