राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज सोलन में आयोजित 27वें राष्ट्रीय मशरूम मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने मशरूम की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक शोध की आवश्यकता पर जोर दिया। मेले का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और मशरूम अनुसंधान निदेशालय (DMR) सोलन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। राज्यपाल ने इस क्षेत्र को प्रोत्साहित करने और अधिक लोगों को मशरूम उत्पादन से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया।
राज्यपाल ने कहा कि सोलन को मशरूम सिटी का नाम 1997 में मिला था और तब से हर वर्ष यह मेला आयोजित हो रहा है। उन्होंने मशरूम अनुसंधान निदेशालय सोलन की तकनीकों की सराहना करते हुए कहा कि इनसे कई उत्पादकों ने मशरूम की नई किस्में विकसित की हैं।
भारत में मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में बड़ी प्रगति हुई है, और अब भारत विश्व में चौथे स्थान पर है। राज्यपाल ने कहा कि मशरूम की खेती कम जगह में भी की जा सकती है और यह ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार का एक शानदार जरिया है।
उन्होंने वैज्ञानिकों, उत्पादकों, उद्यमियों, और उद्योगों को मशरूम की पैदावार बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने की सलाह दी। राज्यपाल ने कहा कि मशरूम अनुसंधान निदेशालय सोलन, भारत का एकमात्र संस्थान है जो 32 मशरूम समन्वयक परियोजना केंद्रों के माध्यम से पूरे देश में मशरूम उत्पादन तकनीकों का प्रचार-प्रसार कर रहा है।
उन्होंने गुच्छी और कीड़ा-जड़ी जैसी जंगली मशरूम प्रजातियों पर शोध करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे किसानों को इनकी अच्छी कीमत मिल सके। साथ ही, किसानों को जागरूक करने के लिए समय-समय पर मेले, सेमिनार, प्रशिक्षण, और प्रदर्शनियों का आयोजन भी जरूरी है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने असम के अनुज, महाराष्ट्र के गणेश, ओडिशा के प्रकाश चंद, बिहार की रेखा कुमारी, और केरल के शिजे को प्रगतिशील मशरूम उत्पादक पुरस्कार से सम्मानित किया।
मशरूम अनुसंधान निदेशालय सोलन के निदेशक डॉ. वी.पी. शर्मा ने राज्यपाल का स्वागत किया और निदेशालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के बागवानी उप-महानिदेशक डॉ. संजय कुमार सिंह ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया और कहा कि निदेशालय ने कई नई और दुर्लभ किस्मों का विकास किया है, जिनकी वैश्विक स्तर पर मांग है।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में डॉ. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी, सोलन के कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल भी उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि ICAR-DMR के वैज्ञानिक अनुसंधान ने सफल उद्यमियों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मेले के दौरान, राज्यपाल ने मशरूम आधारित उत्पादों की प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया और उद्यमियों के साथ संवाद किया।