हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में कोटी रेलवे स्टेशन के पास वैज्ञानिकों ने 2 करोड़ साल पुराना जीवाश्म तना खोजा है। यह खोज एंजियोस्पर्म (फूलदार पौधे) के विकास और हिमालय के प्राचीन पारिस्थितिकी तंत्र की समझ को नया आकार देती है।

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जीवाश्म विज्ञानियों और भूविज्ञानियों की टीम ने पुष्टि की है कि यह कसौली फॉर्मेशन में पाया गया पहला जीवाश्म तना है। यह क्षेत्र 1864 से जीवाश्मों के लिए प्रसिद्ध रहा है, जब ब्रिटिश वैज्ञानिक मेडलिकॉट ने यहां पहली खोज की थी।

जाने-माने वैज्ञानिक डाॅ. रितेश आर्य, जो 1987 से कसौली फॉर्मेशन के जीवाश्मों पर काम कर रहे हैं, ने बताया कि यह खोज हिमालयी क्षेत्र में फूलदार पौधों के विकास और अनुकूलन की नई जानकारी प्रदान करती है। परियोजना प्रमुख डाॅ. जगमोहन सिंह के अनुसार, यह खोज टेथिस महासागर से जुड़े प्राचीन पारिस्थितिक तंत्र की झलक देती है।

इस जीवाश्म के संवहनी ऊतकों और संरचना का गहराई से अध्ययन करने के लिए इसे बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पैलियोसाइंसेज भेजा जाएगा। इससे पता चलेगा कि 2 करोड़ साल पहले फूलदार पौधों में कौन-से विकासात्मक परिवर्तन हुए थे।

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