हिमाचल प्रदेश के भू-अभिलेख निदेशक रितिका ने सभी भूमि मालिकों से अनुरोध किया है कि वे अपनी जमीन की KYC (Know Your Customer) संबंधित प्रक्रिया नजदीकी पटवारखाना से जल्द पूरा करें। यह कार्य सरकार के आदेशों के अनुसार अनिवार्य किया गया है। बिना KYC प्रक्रिया पूरी किए पटवारी द्वारा किसी भी भूमि की जमाबंदी सत्यापित नहीं की जाएगी।

भू-अभिलेख निदेशालय का कहना है कि भूमि रिकॉर्ड, पंजीकरण और प्रमाण पत्र जारी करने जैसी सेवाओं में सुधार के लिए भूमि मालिकों की आधार संख्या से डेटा को प्रमाणित करना आवश्यक है। सरकार का उद्देश्य इस पहल से सार्वजनिक सेवाओं में पारदर्शिता और सुशासन को बढ़ावा देना है।

यह भी पढ़ें : कृष्णगढ़ कुठाड़ पंचायत की त्रैमासिक ग्राम सभा 21 जनवरी को आयोजित

भूमि KYC प्रक्रिया के मुख्य बिंदु:

  1. सहमति आधारित आधार सीडिंग: भूमि मालिकों को अपनी सहमति देकर आधार कार्ड को भूमि रिकॉर्ड से लिंक करना होगा।
  2. नोडल अधिकारी: उप-विभागीय कलैक्टर और तहसीलदार इस अभियान के नोडल अधिकारी होंगे।
  3. पटवारियों को मानदेय: घर-घर जाकर सर्वेक्षण और शिविरों के आयोजन के लिए पटवारियों को प्रति KYC 2 रुपए का मानदेय मिलेगा।

यह भी पढ़ें : सोलन में 4.25 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण

जागरूकता अभियान:
निदेशालय ने संबंधित अधिकारियों से अनुरोध किया है कि वे भूमि मालिकों को इस प्रक्रिया और इसके लाभों के बारे में जागरूक करें। जागरूकता के अभाव में भूमि मालिक बिना किसी हिचकिचाहट के इस अभियान में शामिल नहीं हो पाएंगे।

डाडासीबा तहसील के तहसीलदार बीरबल ने बताया कि विभागीय निर्देशों के तहत KYC प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सभी भूमि मालिकों से आग्रह है कि वे जल्द से जल्द अपनी KYC पूरी करवाएं ताकि उनकी जमाबंदी सत्यापन में कोई बाधा न आए।

यह भी पढ़ें : सोलन में विकास कार्यों का लोकार्पण, जलापूर्ति और शहीद स्मारक पर जोर

महत्वपूर्ण सूचना:
भूमि मालिकों की सहमति आधारित आधार सीडिंग एक अनिवार्य प्रक्रिया है। इस संबंध में अधिक जानकारी और प्रक्रिया के लिए अपने निकटतम पटवारखाना या तहसील कार्यालय से संपर्क करें।

यह भी पढ़ें : सोलन ज़िला परिषद की त्रैमासिक बैठक 21 जनवरी को सपरुन में आयोजित

error: Content is protected !!