हिमाचल प्रदेश बीजेपी में एक नया विवाद सामने आ रहा है। पार्टी से नाराज चल रहे पूर्व मंत्री रमेश धवाला की नाराजगी अब पार्टी के भीतर गहरी होती जा रही है। आज उन्होंने देहरा में एक अहम बैठक बुलाई, जिसमें पार्टी के नाराज नेताओं ने भाग लिया। धवाला ने कार्यकर्ताओं से यह राय ली कि क्या वे समानांतर संगठन खड़ा करें या सरेंडर कर दें।

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धवाला ने इस बैठक में कहा कि पिछली बार के 80-90 फीसदी पदाधिकारी उपस्थित थे। उनका कहना था कि कुछ लोगों ने पार्टी को पूरी तरह हाईजैक कर लिया है, जबकि उन्होंने और उनके सहयोगियों ने पार्टी के लिए कई बलिदान दिए हैं। धवाला का आरोप था कि पार्टी के मौजूदा नेतृत्व ने पुराने नेताओं की अनदेखी की है और कांग्रेस से आए नेताओं को ज्यादा तवज्जो दी जा रही है।

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धवाला ने शांता कुमार के बयान का भी समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि संकट के समय जिन्होंने पार्टी के लिए संघर्ष किया, उन्हें पार्टी में सम्मान मिलना चाहिए। वहीं, धवाला ने पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर से भी मिलने की बात की और अन्य नेताओं से संपर्क साधने की योजना बनाई है, जिसमें डॉ. रामलाल मार्कंडेय, कृपाल परमार और तेजवंत नेगी जैसे नेता शामिल हो सकते हैं।

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धवाला का यह कदम पार्टी में नए विवाद को जन्म दे सकता है, क्योंकि आगामी चुनावों में पार्टी को इस आंतरिक संघर्ष का नुकसान हो सकता है। अगर समय रहते इस संकट पर काबू नहीं पाया गया, तो यह बीजेपी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।

बीजेपी के अंदर गहराता यह संकट हिमाचल में राजनीतिक माहौल को और भी गर्म कर सकता है, जिसमें आने वाले समय में अन्य नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ सकती हैं।

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