हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ का दर्जा देकर एक ऐतिहासिक पहल की है। इस योजना के अंतर्गत सरकार इन बच्चों के अभिभावक की भूमिका निभा रही है और उन्हें सभी आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कांगड़ा जिले के लुथान में 93 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सुख आश्रय परिसर का शिलान्यास किया है। इस परिसर में 400 आश्रित बच्चों को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल देश का पहला राज्य है, जिसने कानून के तहत अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए यह योजना शुरू की है।
सरकार ने 101 करोड़ रुपये का मुख्यमंत्री सुख आश्रय कोष भी स्थापित किया है। इसके दायरे में अब परित्यक्त बच्चों को भी शामिल किया गया है। इस योजना के तहत बच्चों को रात्रि ठहराव के लिए वही कमरे उपलब्ध करवाए जा रहे हैं, जहां मंत्री, विधायक और वरिष्ठ अधिकारी ठहरते हैं।
हाल ही में 22 बच्चों को 13 दिवसीय विशेष भ्रमण पर भेजा गया। ये बच्चे चंडीगढ़, दिल्ली और गोवा जैसे स्थानों पर गए। उनकी यात्रा के लिए हवाई जहाज और शताब्दी ट्रेन का इंतजाम किया गया। बच्चों ने 2 से 4 जनवरी तक चंडीगढ़ के पर्यटन स्थलों का आनंद लिया और हिमाचल भवन में ठहरे।
5 जनवरी को शताब्दी ट्रेन से दिल्ली पहुंचे ये बच्चे 8 जनवरी तक ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करेंगे। 9 जनवरी को वे गोवा रवाना होंगे, जहां 13 जनवरी तक एक थ्री-स्टार होटल में ठहरकर विभिन्न पर्यटन और ऐतिहासिक स्थलों का दौरा करेंगे। 14 जनवरी को गोवा से चंडीगढ़ लौटने की योजना है।