हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अनाथ और परित्यक्त बच्चों को सहारा देने के लिए चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट योजना के विस्तार की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि इन बच्चों को अब सरकारी संरक्षण में गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने का अवसर मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने इन बच्चों को “चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट” का दर्जा देकर एक नई मिसाल कायम की है। यह योजना उन बच्चों के लिए जीवन में एक बड़ा बदलाव लाएगी, जो बुनियादी सुविधाओं और देखभाल के अभाव में जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
रविवार को सीएम सुक्खू ने 93 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सुख आश्रय परिसर का शिलान्यास किया। यह परिसर कांगड़ा के लुथान में स्थापित होगा और यहां 400 आश्रित बच्चों के लिए आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश पहला राज्य है, जिसने अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए एक कानूनी योजना शुरू की है। मुख्यमंत्री सुख आश्रय कोष के तहत 101 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इसके तहत अनाथ और परित्यक्त बच्चों को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और रहने की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन बच्चों को रात्रि ठहराव के लिए उन विशेष कमरों में ठहराया जा रहा है, जहां मंत्री, विधायक और वरिष्ठ अधिकारी ठहरते हैं। यह कदम इन बच्चों को आत्मसम्मान और सम्मानजनक जीवन जीने की प्रेरणा देगा।
सरकार ने परित्यक्त बच्चों को भी इस योजना में शामिल कर इसे और व्यापक बना दिया है। इस पहल के जरिए हिमाचल प्रदेश एक आदर्श राज्य बनने की ओर अग्रसर है, जहां अनाथ और जरूरतमंद बच्चों को जीवन में आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।