एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया (एटीएफआई) ने हिमाचल प्रदेश में बढ़ती खालिस्तानी गतिविधियों और देश विरोधी तत्वों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। मंगलवार को फ्रंट के सदस्यों ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को ज्ञापन सौंपते हुए इस गंभीर मुद्दे पर तुरंत कदम उठाने की अपील की।
एटीएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य के निर्देश पर हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल के नेतृत्व में यह ज्ञापन दिया गया। संगठन ने हिमाचल प्रदेश में विवादित झंडे और देश विरोधी पोस्टर लगाए जाने की घटनाओं पर कड़ी नाराजगी जताई और इसे राज्य की शांति व अखंडता के लिए खतरा बताया।
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राजकुमार अग्रवाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की शांति को किसी भी सूरत में भंग नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में राज्य में विवादित झंडे और पोस्टर लगाए जाने की घटनाएं बढ़ी हैं, जो यह दर्शाता है कि राष्ट्रविरोधी ताकतें अब हिमाचल को भी अपने एजेंडे के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने समय रहते इन तत्वों पर कार्रवाई नहीं की, तो यह राज्य की स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।
एटीएफआई ने ज्ञापन में इस बात पर भी नाराजगी जताई कि विवादित झंडे हटाने वाले अमन सूद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई जबकि असली दोषी वे हैं जिन्होंने झंडे और पोस्टर लगाए।
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फ्रंट ने स्पष्ट किया कि अमन सूद देशभक्त हैं और उन्होंने हिमाचल की संप्रभुता की रक्षा के लिए यह कदम उठाया था। एटीएफआई ने एफआईआर को तुरंत रद्द करने और असली गुनहगारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की।
एटीएफआई ने कहा कि यदि सरकार ने इन देशविरोधी तत्वों पर जल्द कार्रवाई नहीं की तो संगठन इसके खिलाफ बड़ा आंदोलन करेगा। हिमाचल प्रदेश में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासन को सक्रिय भूमिका निभानी होगी।