हिमाचल प्रदेश में खनन माफियाओं का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। सुक्खू सरकार के कार्यकाल में खनन माफिया इतने बेलगाम हो गए हैं कि प्रशासन और मंत्रियों तक को बेबस कर दिया है। अवैध खनन से पीड़ित लोग न्याय की गुहार लगाने के लिए मजबूर होकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं।

नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि खनन माफियाओं के खिलाफ सरकार पूरी तरह से विफल रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर ये माफिया किसके संरक्षण में फल-फूल रहे हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री को भी प्रशासन के सामने गुहार लगानी पड़ रही है।

अवैध खनन के मामलों को लेकर लोगों ने जनहित याचिका दायर की है, जिस पर न्यायालय ने कड़ा संज्ञान लेते हुए सरकार को नोटिस जारी किया है। जयराम ठाकुर ने कहा कि जब प्रशासन खनन माफियाओं पर कार्रवाई नहीं करता, तो आम जनता के पास न्यायालय का सहारा लेने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचता।

नेता प्रतिपक्ष ने तंज कसते हुए कहा कि उपमुख्यमंत्री के अपने जिले में खनन माफिया का तांडव चरम पर है। उन्होंने सवाल किया कि अगर सरकार के वरिष्ठ नेता और प्रशासन अवैध खनन को रोकने में नाकाम हैं, तो आम जनता की रक्षा कौन करेगा?

जयराम ठाकुर ने कोविड के दौरान उनकी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय प्रदेश में 47 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए थे। इन प्लांट्स ने आपातकालीन समय में अस्पतालों को निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित की थी। लेकिन मौजूदा सरकार न केवल नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने में विफल रही है, बल्कि पुराने प्लांट्स को भी ठीक तरह से संचालित नहीं कर पा रही है।

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