हिमाचल प्रदेश प्रधान संगठन के अध्यक्ष बलवंत ठाकुर ने धर्मपुर और पट्टा ब्लॉक प्रधान संगठन पदाधिकारियों के साथ बैठक कर 17 मार्च 2025 को जारी मनरेगा अधिसूचना को तुरंत रद्द करने की मांग की है।
सरकार द्वारा जारी नई अधिसूचना के अनुसार मनरेगा के तहत केवल 20 कार्य ही निरंतर चल सकते हैं। इससे पंचायत स्तर पर मनरेगा के तहत किए जाने वाले निजी निर्माण कार्यों पर रोक लग जाएगी, जिससे कई परिवारों को रोजगार और सुविधाओं से वंचित रहना पड़ेगा।
रोजगार संकट: अधिसूचना के कारण मनरेगा जॉब कार्ड धारकों को रोजगार नहीं मिल पाएगा।
विकास कार्यों पर असर: पंचायतें साल भर में सिर्फ 10-15 परिवारों को ही मनरेगा से निजी कार्य और रोजगार दे पाएंगी।
भुगतान में देरी: मटेरियल और मिस्त्री की दिहाड़ी का भुगतान कई बार एक वर्ष तक लंबित रहता है, जिससे कार्य अधूरे पड़े रहते हैं।
मनरेगा MIS समस्या: जब तक कार्य का भुगतान नहीं होता, तब तक MIS में कार्य “Ongoing” दिखता रहता है, जिससे नए कार्य शुरू नहीं हो पाते।
यह भी पढ़ें : सोलन में आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण पूरा, टास्क फोर्स को मिली विशेष ट्रेनिंग
प्रधान संगठन ने प्रदेश के सभी ब्लॉक प्रधानों से अपील की है कि वे इस मुद्दे को सरकार तक पहुँचाएँ और अधिसूचना रद्द करवाने के लिए एकजुट हों।प्रधान संगठन की सरकार से स्पष्ट मांग है कि इस अधिसूचना को तुरंत वापस लिया जाए, ताकि गांवों में रोजगार के अवसर बने रहें और विकास कार्य प्रभावित न हों।
नीचे दिए गए विडियो को एक बार ज़रूर देखें :
इस मौके पर प्रधान ग्राम पंचायत दाडवा रमेश ठाकुर, प्रधान ग्राम पंचायत बढ़लग सतीश कुमार, प्रधान ग्राम पंचायत कुठाड़ कैलाश शर्मा, प्रधान ग्राम पंचायत घडसी सुरेंद्र कुमार, प्रधान ग्राम पंचायत पट्टा रंजना ,प्रधान ग्राम पंचायत बुखार केनेता हेमा देवी, प्रधान ग्राम पंचायत ढकरयाना प्रेमचंद , प्रधान ग्राम पंचायत गोयला मदन ठाकुर प्रधान ग्राम पंचायत गांगुडी खेमचंद, उप प्रधान ग्राम पंचायत जाड़ला हेमंत ठाकुर,उप प्रधान मंडेसर हरिदास विभिन्न पंचायत के प्रधान वार्ड पंच व संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहे