हिमाचल प्रदेश में नशे का कारोबार बेकाबू होता जा रहा है। राजधानी शिमला समेत पूरे प्रदेश में नशे की ओवरडोज के कारण युवाओं की मौतों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। बीते एक हफ्ते में नशे के कारण तीन युवाओं की दुखद मृत्यु दर्ज की गई है।
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वीरवार को शिमला में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नशा माफिया का तांडव चरम पर है और सरकार इसे रोकने में पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि नशा कारोबारियों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है, जिससे पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पर भी असर पड़ रहा है।
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जयराम ठाकुर ने कहा कि भाजपा नशे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने ऊना में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में पारित प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार को नशे के कारोबार पर कड़ा प्रहार करना चाहिए।
“हम अपने युवाओं को नशे के दलदल में नहीं धकेल सकते। भाजपा इस अभियान में सरकार का समर्थन देने को तैयार है।” – जयराम ठाकुर
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से सवाल किया कि वह नशे की इस भयावह स्थिति पर चुप क्यों है? हाल ही में कुछ कांग्रेस नेताओं ने पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए थे, लेकिन सरकार ने इस पर कोई स्थिति स्पष्ट नहीं की।
प्रदेश में बढ़ते नशे के पीछे राजनीतिक संरक्षण के आरोप भी लग रहे हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री को प्रदेश के लोगों को आश्वासन देना चाहिए कि नशा माफिया के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी और दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।
विपक्ष ने स्पष्ट किया कि यह समय राजनीति से ऊपर उठकर प्रदेश के युवाओं को बचाने का है। नशा मुक्त हिमाचल के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। क्या सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी या यह मुद्दा केवल राजनीतिक बयानबाजी तक सीमित रहेगा?