हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 2024-25 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए, कम संख्या वाले विद्यार्थियों के स्कूलों के लिए परीक्षा केंद्र सृजित करने या नवीनीकरण के लिए दी जाने वाली शुल्क में छूट को समाप्त कर दिया है। अब ऐसे स्कूलों से प्रति परीक्षार्थी 300 रुपये शुल्क लिया जाएगा।

इससे पहले, पिछले तीन सालों से बोर्ड ने इन स्कूलों से 150 रुपये प्रति विद्यार्थी शुल्क वसूल किया था। हालांकि, कोविड-19 के बाद आर्थिक स्थिति को सुधारने के उद्देश्य से बोर्ड ने यह निर्णय लिया है। अब जिन स्कूलों में पर्याप्त संख्या में विद्यार्थी हैं, उनसे परीक्षा केंद्र स्थापित करने के लिए सालाना तीन हजार रुपये शुल्क ही वसूल किया जाएगा।

इस फैसले से प्रदेश के करीब 16 हजार सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा। स्कूल प्रबंधन ने चिंता जताई है कि परीक्षा केंद्र स्थापित करने के लिए कोई सरकारी या विभागीय ग्रांट नहीं मिलती है, जिससे यह भार सीधे विद्यार्थियों पर आएगा।

यदि कोई स्कूल 300 रुपये प्रति विद्यार्थी की दर से शुल्क चुकाने में असमर्थ होता है, तो उनके छात्रों को दूसरे स्कूलों में बने परीक्षा केंद्रों पर जाकर परीक्षा देनी होगी, जिससे उन्हें लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी। अनुमान के मुताबिक, सरकारी स्कूलों पर बोर्ड का करीब 5 करोड़ रुपये का बकाया भी है, जो परीक्षा केंद्र स्थापित करने के शुल्क के रूप में चुकाना बाकी है।

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