हिमाचल प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए पीवीसी और प्लास्टिक बैनर के उपयोग को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, 100 माइक्रोन से कम प्लास्टिक या पीवीसी बैनर के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। यह कदम भारत सरकार की पर्यावरण संरक्षण संबंधी गाइडलाइन्स के तहत उठाया गया है।

प्रमुख निर्देश:

  1. सरकारी योजनाओं के बैनर: 200 माइक्रोन से कम नहीं होने चाहिए।
  2. सरकारी कार्यक्रमों के बैनर: न्यूनतम 100 माइक्रोन की अनिवार्यता।
  3. राजनीतिक दलों के बैनर:
    • प्रत्याशियों के कटआउट: 200 माइक्रोन।
    • रैलियों के बैनर: 100 माइक्रोन।
  4. निजी विज्ञापन:
    • 30 दिनों तक: 100 माइक्रोन।
    • 30 दिनों से अधिक: 200 माइक्रोन।

सरकार ने डिजिटल माध्यमों के उपयोग को प्राथमिकता देने का आह्वान किया है। पेडों पर बैनर लगाने को पर्यावरण के लिए हानिकारक मानते हुए इसे पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है।स्थानीय निकायों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि उपयोग किए गए फ्लेक्स को हटाकर रीसाइक्लिंग के लिए दिया जाए। बैनर पर विभाग का नाम, अवधि और प्रिंटर का विवरण भी अनिवार्य रूप से प्रकाशित करना होगा।

पर्यावरण विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के पास केंद्र सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने वालों से जुर्माना वसूलने का अधिकार होगा।यह अधिसूचना हिमाचल प्रदेश के पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए एक बड़ा कदम है। इससे न केवल प्लास्टिक कचरे में कमी आएगी, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण भी होगा।

यह भी पढ़ें : खजरेट गाँव की सड़क बहाली की मांग, मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दिया समाधान का आश्वासन

यह भी पढ़ें : कृष्णगढ़ कुठाड़ में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह का स्वागत

error: Content is protected !!