राजीव खामोश , कुठाड़ : पी एम श्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, पट्टा महलोग में आयोजित सात दिवसीय एनएसएस शिविर के तीसरे दिन का विशेष आकर्षण था हिमाचल की समृद्ध संस्कृति और इतिहास की जानकारी। इस अवसर पर राजनीतिक विज्ञान के वरिष्ठ प्रवक्ता रतीराम वर्मा ने स्वयंसेवियों को प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर, पारंपरिक लोकगीतों, और लोकनृत्यों की जानकारी से अवगत कराया।
शिविर में बच्चों को हिमाचल के पुराने इतिहास के साथ-साथ सांस्कृतिक धरोहर पर ध्यान केंद्रित करते हुए बताया गया कि हिमाचल का हर जिला अपने विशेष लोकगीत और लोकनृत्य के लिए प्रसिद्ध है। रतीराम वर्मा ने सोलन की बाघल रियासत में प्रचलित गिद्दा और बिलासपुर के मोहना जैसे प्रसिद्ध लोकगीतों पर विशेष चर्चा की। उनके अनुसार, इन लोकगीतों और नृत्यों में हिमाचल की सादगी और संस्कृति की झलक मिलती है जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक अनमोल धरोहर के रूप में संजोई जाती है।
एनएसएस शिविर में भाग लेने वाले छात्रों ने इस अवसर का भरपूर लाभ उठाया और हिमाचल की संस्कृति के विभिन्न पहलुओं पर अपने प्रश्न प्रस्तुत किए। छात्रों के इस रुचिपूर्ण रुझान को देखते हुए रतीराम वर्मा ने यह भी बताया कि ऐसे विषयों का ज्ञान प्रतियोगी परीक्षाओं के दृष्टिकोण से भी काफी लाभप्रद होता है। इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से न केवल विद्यार्थी अपनी जड़ों से जुड़ते हैं, बल्कि वे अपनी सांस्कृतिक पहचान को भी बेहतर ढंग से समझ पाते हैं।