राजीव, कुठाड़ : जिला सोलन के कसौली उपमंडल की ग्राम पंचायत दाड़वा से सम्बन्ध रखने वाली हिमाचल की प्रसिद्ध लोकगायिका शकुन्तला देवी का 27 मार्च को आकस्मिक निधन हो गया यह जानकारी उनके पुत्र नितिन तोमर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से साँझा की .
शकुन्तला देवी का जन्म 24 जून 1946 में हुआ था 77 वर्ष के अपने इस सफ़र में उन्होंने “तेरी जड़ा विच नेहरां बगियाँ ओ किकरीये क्यों सुखिये , तेरी जुदाई दा गम , बसा दे आइयो तेरी याद , बिन बरसे चली जाया ओ बदरा , मेरी चादरू दे किंगरी लगाई दे , पिया ना जा जम्मू दे पहाड़ , बन्जारु आया हो माँ पैनणीयां बंगां ” जैसे कई लोकप्रिय गीत गाये जो आज भी लोगों की पहली पसंद में शामिल हैं .
शकुन्तला देवी ने संगीत के इस सफ़र में अनेकों लोक गीत लिखने और गाने के साथ साथ आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से भी वरिष्ठ कलाकारा के रूप में हिंदी गीत ,ग़ज़ल एवं भजन भी गाये थे . इसके अतिरिक्त वे भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के गीत और नाटक प्रभाग शिमला केंद्र में बतौर नियमित कलाकारा थीं और सेवानिवृति के बाद अपने पति परस राम तोमर के साथ अपने गाँव दाड़वा में ही रह रहीं थीं .
विश्व विद्यालय के संगीत प्रभाग के अनेकों एमफिल और पीएचडी विद्यार्थी इनकी संगीत कला को अपने शोध कार्य में भी वर्णित कर चुके हैं . प्रसिद्ध लोक गायिका शकुन्तला देवी अपने लोकप्रिय गीतों के माद्यम से हमेशा संगीत प्रेमियों के दिलों में रहकर अमर रहेंगीं .
हिमाचल की प्रसिद्ध लोक गायिका शकुन्तला देवी के आकस्मिक निधन पर आपका चैनल न्यूज़ परिवार शोक संतप्त परिवार को इस दुःख कि घड़ी से उबरने और उस दिवंगत महान आत्मा कि शांति के लिए परमपिता परमात्मा से प्रार्थना करता है .